Jarasandh Jayanti: ऐसा माना जाता है कि बिहार में जातिगत राजनीति होती है और इसमें पूरी सच्चाई भी है. जातियों को गोलबंद करके आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) ने 15 साल बिहार में शासन किया तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) अति पिछड़ा और बीजेपी सवर्ण वोटर्स को एकजुट करके अभी सरकार चलाकर रही है. अब अगले साल 2025 में बिहार विधानसभा का चुनाव होना है, उससे पहले अति पिछड़ों को गोलबंद करने की तैयारी में एनडीए के नेता जुट गए हैं. पटना में शनिवार (07 सितंबर) को महाजुटान होने जा रहा है.
मिलर स्कूल के मैदान में होगा 'चंद्रवंशी स्वाभिमान रैली'
एनडीए की ओर से 'चंद्रवंशी स्वाभिमान रैली' का आयोजन पटना के मिलर स्कूल के मैदान में किया जा रहा है. इसके आयोजक प्रमोद चंद्रवंशी ने बताया कि यह रैली चंद्रवंशी समाज सहित सभी अति पिछड़ों को मुख्यधारा में लाने के लिए किया जा रहा है. लालू प्रसाद यादव ने अति पिछड़ा और चंद्रवंशी समाज को पीछे करने का काम किया लेकिन 2005 के बाद से नीतीश कुमार में अति पिछड़ा का सम्मान बढ़ाया है.
उन्होंने आगे कहा कि 2025 में ही नहीं आने वाले किसी चुनाव में अति पिछड़ा समाज एकजुट होकर अपनी ताकत बने इसी के लिए यह रैली है. प्रमोद चंद्रवंशी का दावा है कि इस रैली में पूरे बिहार से हजारों की संख्या में चंद्रवंशी समाज के लोग आएंगे. हालांकि अभी शादी के लग्न का समय चल रहा है और धान की कटनी का भी समय है उसके बावजूद उम्मीद है कि अच्छी भीड़ होगी.
पोस्टर-बैनर पर पीएम मोदी से लेकर नीतीश तक की तस्वीर
इस रैली को लेकर पटना में जो पोस्टर-बैनर लगे हैं उसमें किसी पार्टी का नाम तो नहीं है लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तक की तस्वीर है. इसके अलावा केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान, उपेंद्र कुशवाहा और बीजेपी के सभी बड़े नेताओं की तस्वीर लगाई गई है. कुल मिलाकर एनडीए ने चुनाव से पहले जातीय गोलबंदी की शुरुआत कर दी है. अब देखना होगा कि शनिवार को होने वाले कार्यक्रम में कौन-कौन नेता पहुंचता है.
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