पटना: बिहार में सियासी संकट के बीच बड़ी खबर आई है. एबीपी न्यूज़ के सूत्रों के अनुसार 28 या 29 जनवरी को नई सरकार का स्वरूप सामने आ सकता है. एनडीए (NDA) के मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश कुमार (Nitish Kumar) एक बार फिर शपथ ले सकते हैं. बीजेपी (BJP) और जेडीयू के बीच सभी मसलों पर चर्चा पूरी हो गई है. सूत्रों की मानें तो बीजेपी की ओर से दो उपमुख्यमंत्री होंगे. दोनों नए और यंग चेहरे होंगे. जबकि पुराने फार्मूले में मंत्रिमंडल का गठन होगा. बीजेपी और नीतीश के बीच सभी विषयों पर लगभग-लगभर चर्चा पूरी हो चुकी है. इसके साथ ही लोकसभा चुनाव में दोनों दलों के बीच का फार्मूला भी तय हो चुका है.


आज जेडीयू की विधायकों की बैठक


सूत्रों के अनुसार नीतीश कुमार बिहार में बीजेपी और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के साथ सरकार बनाने की रणनीति बना रहे हैं. जेडीयू और बीजेपी दोनों पार्टियों के बीच क्या-क्या फार्मूला होगा? यह भी फाइनल हो चुका है. वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजभवन में आयोजित एक चाय कार्यक्रम से लौटने के बाद शुक्रवार शाम अपने आवास पर अपने भरोसेमंद मंत्रियों और विधायकों के साथ बैठक की. सीएम आवास पर विजय कुमार चौधरी, ललन सिंह, अशोक चौधरी, बिजेंद्र गुप्ता और संजय झा जैसे नीतीश कुमार के भरोसेमंद नेता मौजूद थे. वहीं, मुख्यमंत्री ने शनिवार को अपने आवास पर जेडीयू के सभी विधायकों के साथ भी बैठक बुलाई है. 


सुशील मोदी ने दिए संकेत


बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जल्द ही बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के साथ आ सकते हैं. शुक्रवार को इसके संकेत बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने भी दे दिए. सुशील मोदी ने दिल्ली से पटना लौटने के बाद नीतीश के एनडीए में आने के संकेत देते हुए कहा कि राजनीति में कोई दरवाजा स्थायी बंद नहीं होता, आवश्यकता से खुलता है और बंद होता है. सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार में जो राजनीतिक परिस्थिति पैदा हो रही है, उस पर प्रदेश बीजेपी की निगाह बनी हुई है. केंद्रीय नेतृत्व कोई फैसला लेता है, प्रदेश की ऐसे निर्णय में कोई भूमिका नहीं होती.


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