NEET Paper Leak: नीट पेपर लीक मामले से जुड़ी बड़ी खबर, EOU को NTA ने दिया ओरिजिनल प्रश्न पत्र, रद्द होगी परीक्षा?
NEET Paper Leak Case: पिछले महीने जांच शुरू होने के बाद इओयू के अधिकारियों ने संदर्भ प्रश्न पत्रों के लिए एनटीए से अनुरोध किया था. आखिरकार, उन्होंने जरूरी कार्रवाई की है.
NEET Paper Leak News: नीट पेपर लीक मामले को लेकर देश भर में बवाल मचा है. अब बहुत जल्द दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा. बिहार पुलिस ने कथित नीट-यूजी पेपर लीक मामले में राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) से संदर्भ प्रश्न पत्र प्राप्त करने का दावा किया है. इस मामले की जांच कर रही बिहार आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) के उच्च पदस्थ सूत्रों ने कहा कि पिछले महीने पटना में तलाशी के दौरान एक सुरक्षित घर से कथित तौर पर लीक हुए प्रश्न पत्रों के ‘‘जले हुए टुकड़े’’ बरामद किए गए थे, जिन्हें फोरेंसिक जांच के लिए भेजे जाने से पहले संदर्भ प्रश्न पत्रों के साथ मिलान किया जाएगा. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या नीट की परीक्षा रद्द की जाएगी?
कहा, "पिछले महीने जांच शुरू होने के बाद से हम संदर्भ प्रश्न पत्रों के लिए एनटीए से अनुरोध कर रहे थे. आखिरकार, उन्होंने जरूरी कार्रवाई की है." सूत्रों के अनुसार प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत जांच लिए ईओयू की प्राथमिकी के आधार पर एक अलग शिकायत दर्ज करने की तैयारी कर रहा है. सूत्रों ने कहा कि जांच के दौरान ईडी अपराध से प्राप्त कमाई की पहचान करेगी और आरोपियों/संदिग्धों की संपत्तियों को कुर्क करने की कार्यवाही शुरू करेगी.
बिहार के पूर्व पुलिस महानिदेशक अभ्यानंद ने क्या कहा?
सूत्रों ने कहा कि ईओयू के शीर्ष अधिकारी केंद्र के शिक्षा विभाग और अन्य संबंधित शाखाओं के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ जांच के संबंधित कुछ पहलुओं पर चर्चा करने के लिए आज दिल्ली जा सकते हैं. बिहार के पूर्व पुलिस महानिदेशक अभ्यानंद ने ‘‘पीटीआई-भाषा’’ से कहा, "इसमें कोई संदेह नहीं है कि नीट-यूजी 2024 परीक्षा में गंभीर अपराध हुए हैं. प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि पेपर लीक हुआ था. अब तक जुटाए गए सबूत भी पेपर लीक होने का संकेत दे रहे हैं. मामले की जांच पीएमएलए के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत भी की जानी चाहिए क्योंकि इस मामले में काला धन शामिल है."
सूत्रों के अनुसार ईओयू ने राज्य के कुछ और निजी पेशेवर कॉलेजों की भूमिका की भी जांच शुरू कर दी है, जिन्होंने कथित तौर पर नीट परीक्षा में वास्तविक उम्मीदवारों की जगह प्रश्न पत्र हल करने वालों को भेजे थे. संदेह है कि निजी कॉलेजों/संस्थानों के प्रश्न पत्र हल करने वालों को पांच मई को परीक्षा के दौरान संबंधित परीक्षा केंद्रों के अधिकारियों की मिलीभगत से वास्तविक उम्मीदवारों की जगह परीक्षा में बैठने की अनुमति दी गई थी.
सूत्रों का कहना है कि उम्मीदवारों, अधिकारियों और बिचौलियों के बीच मिलीभगत से इंकार नहीं किया जा सकता है. अयोग्य उम्मीदवारों ने डमी उम्मीदवारों के बगल में रणनीतिक रूप से बैठने के लिए बिचौलियों के माध्यम से अधिकारियों को रिश्वत दी. इस कड़ी की जांच की जा रही है.
कुछ आरोपित बदल रहे हैं बयान
सूत्रों के मुताबिक इस मामले में गिरफ्तार कुछ आरोपी पूछताछ के दौरान परस्पर विरोधी बयान दे रहे हैं या अपने बयान बदल रहे हैं. ईओयू मामले में कुछ गिरफ्तार आरोपियों पर ‘‘नार्को विश्लेषण’’ और ‘‘ब्रेन मैपिंग’’ परीक्षण करने की संभावना भी तलाश रहा है. सूत्रों ने कहा कि जांचकर्ता कुछ आरोपियों के बयानों से संतुष्ट नहीं हैं. हालांकि उनसे कई बार पूछताछ की जा चुकी है, लेकिन उनके जवाब ठोस नहीं हैं.
बता दें कि ईओयू ने पिछले महीने नीट-यूजी 2024 में कथित पेपर लीक की जांच के तहत 13 लोगों को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार आरोपियों में दानापुर नगर परिषद के एक जूनियर इंजीनियर सिकंदर यादवेंदु, उसके रिश्तेदार अमित आनंद, नीतीश कुमार और अभ्यर्थी एवं उनके माता-पिता तथा अन्य शामिल थे. पुलिस के सामने चार आरोपियों ने स्वीकार किया कि उन्हें परीक्षा से एक दिन पहले प्रश्नपत्र मिला था और उन्होंने इसका इस्तेमाल उत्तर याद करने के लिए किया था. पुलिस को यह बताया है कि अगले दिन परीक्षा में सटीक (वही) प्रश्न पूछे गए थे.
पुलिस ने पांच और छह मई को पटना में एक सुरक्षित घर से जले हुए प्रश्नपत्र बरामद करने के बाद सबसे पहले यादवेंदु को गिरफ्तार किया था. यादवेंदु ने पुलिस को बताया कि अमित आनंद और नीतीश कुमार ने नीट प्रश्न पत्र के लिए प्रति छात्र 30-32 लाख रुपये मांगे और उसने चार उम्मीदवारों की व्यवस्था की एवं प्रत्येक से 40 लाख रुपये लिए. मूल रूप से समस्तीपुर का रहने वाला यादवेंदु का आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने का इतिहास रहा है. 2012 में जूनियर इंजीनियर बनने से पहले, उसने रांची में एक ठेकेदार के रूप में काम किया. इससे पहले यादवेंदु की तीन करोड़ रुपये के एक एलईडी घोटाले में भी संलिप्तता रही थी और उस मामले में उसे जेल की सजा हुई थी.
आईटी इंजीनियर और मुंगेर निवासी अमित आनंद बेंगलुरु में एक निजी फर्म में काम करता है. उसने पुणे से स्नातक किया किया. पटना निवासी नीतीश कुमार ठेकेदारी का काम करता है. नीतीश कुमार पहले बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा के कथित पेपर लीक मामले में जेल जा चुका है.
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