बिहारः शादी के बाद भी पढ़ना चाहती थी नेहा इसलिए 45 दिनों में ही छोड़ दिया पति का साथ, अब बुनेगी सपने
भागलपुर जिले के सुल्तानगंज प्रखंड के एक गांव का मामला है. लड़की पढ़ने के लिए पति का घर छोड़कर चली गई थी पटना. अपहरण का केस दर्ज होने के बाद उसने आकर बताई अपनी बात.
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भागलपुरः सुल्तानगंज प्रखंड के एक गांव में ग्राम पंचायत की ओर से अनोखा फैसला सुनाया गया है. दरअसल, पंच और सरपंच ने एक मामला सुनने के बाद डेढ़ महीने पहले ब्याही गई गई लड़की को उसके पति से शादी तोड़ने का फरमान सुनाया है. वजह यह है कि लड़की पढ़ना चाहती है लेकिन लड़का पक्ष बाधक बन रहा है. इसके बाद ‘बेटी पढ़े, बेटी बढ़े' को ध्यान में रखते हुए पंचों ने फैसला लिया कि दोनों पक्ष अब अलग-अलग अपनी रजामंदी से रहेंगे. ग्राम कचहरी की सभा में लड़की व लड़का के परिजन सुनवाई के दौरान मौजूद थे.
पिता ने थाने में की थी बेटी के अपहरण की शिकायत
जानकारी के अनुसार, डेढ़ महीने पहले घोरघट निवासी सीताराम पंडित के पुत्र सुनील और जहांगीरा निवासी गुरुदेव पंडित की पुत्री नेहा कुमारी की हिंदू रीति रिवाज से शादी हुई थी. शादी के बाद नेहा गायब हो गई. उसके पति सुनील ने काफी खोजा लेकिन कहीं उसका पतना नहीं चला. इसके बाद लड़की के पिता ने सुल्तानगंज थाने में आवेदन देकर बेटी के अपहरण किए जाने की शिकायत कर दी. जब नेहा को इस बात की जानकारी मिली तो वह घर पहुंच गई.
घर छोड़कर भागी लड़की ने ग्राम पंचायत में बताई बात
घर पहुंचने के बाद नेहा ने बताया कि उसका अपहरण नहीं हुआ है बल्कि वह पढ़ने के लिए पटना चली गई थी. नेहा ने अपने पिता को बताया कि ससुराल वाले उसे पढ़ने नहीं देना चाहते हैं. आगे पढ़ाई करने पर मना करते हैं इसलिए उसने ऐसा कदम उठाया. अपने पिता को आपबीती सुनाने के बाद नेहा ने ग्राम पंचायत में भी यही बात कही. शादी के बाद ससुराल गई तो पति प्रताड़ित करने लगा. वह अपने करियर को लेकर चिंतित थी. इसके बाद उसने मौका देखते ही यह कदम उठाया था.
सरपंच ने बताया कि दोनों पक्षों की दलील को सुनने के बाद फैसला लिया गया है. सभी लोग चाहते थे कि घर बस जाए लेकिन ऐसा नहीं हो सका. दोनों पक्ष अब अलग-अलग अपनी रजामंदी से रहेंगे. दोनों के बीच कोई भी वैवाहिक संबंध नहीं रहेगा. ग्राम कचहरी के निर्णय के बाद दोनों स्वतंत्र होकर जीवन यापन करेंगे. लड़की अपनी पढ़ाई जारी रखेगी और करियर के बारे में सोचेगी.
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