पटना: बिहार में अभी से ही लोग नए साल (New Year 2023) को लेकर उत्सुक हैं. नए साल में कहां घूमना है और कहां जाना है इसे लेकर तैयारियां कर रहे हैं. ऐसे में अगर आपकी जेब तंग भी है या बजट कम है तो भी बिहार के इन डेस्टिनेशन में घूमकर आप नए साल को पूरी तरह से यादगार बना सकते हैं. सूबे में ऐसी कई खूबसूरत जगह है जहां रोमांच के साथ साथ शांति का लुत्फ उठा सकते हैं. नए साल में केवल 10 दिन शेष हैं. तैयारियों को तेज करने से पहले ये खबर जरूर पढ़ लें. आइए जानते हैं बिहार में कौन सी खूबसूरत जगह है जहां आसानी से पहुंचा जा सकता है.
बेतिया में वाल्मीकि टाइगर रिजर्व
बिहार का टाइगर वाल्मीकि रिजर्व कम बजट में घूमने के लिए बेस्ट है. जंगल और खूबसूरत वादियों के बीच आप रोमांच का मजा ले सकते हैं. यहां शांति है. ज्यादा भीड़ नहीं मिलेगी. एक तरफ पहाड़ है तो दूसरी तरफ गंडक नदी है. ये रिजर्व बिहार के बेतिया से लगभग 100 किमी की दूरी पर स्थित है. यहां जाने के लिए आप दो पहिया या चार पहिया वाहन का इस्तेमाल कर सकते हैं. पटना से केवल 350 किमी की दूरी पर स्थित है.
यहां आने वाले लोगों के लिए सरकार ने सारी इको फ्रेंडली सुविधा उपलब्ध कराई है. यहां रहने का शानदार इंतजाम है जैसे बंबू हट, ट्री हट और आदि है. यहां रहने के ज्यादा पैसे भी नहीं लगेंगे. यहां रहकर नदी, पहाड़ और जानवरों का मजा ले सकते हैं. वादियों का दर्शन, हाथी की सफारी, जंगल सफारी समेत कई चीजों का आनंद ले सकते हैं. नए साल पर यहां काफी भीड़ लगती है और दूर दराज से लोग यहां घूमने पहुंचते हैं.
सासाराम का टॉम्ब
बिहार के सासाराम में शेरशाह सूरी का मकबरा भारत के सबसे प्रभावशाली मकबरों में से एक माना जाता है. सासाराम आप अपनी गाड़ी या बाइक से जा सकते हैं. बस से भी महज हजार रुपये के अंदर यहां पहुंचा जा सकता है. शेरशाह सूरी को भारत के ताजमहल के रूप में जाना जाता है. यह दिवंगत सम्राट शेरशाह सूरी को समर्पित एक विशाल मकबरा है.
यह वास्तुकला की इंडो-इस्लामिक शैली का एक सुंदर नमूना है जो लाल पत्थर से बना है. मकबरा 122 फीट ऊंचा है और इसमें सुंदर गुंबद, मेहराब, स्तंभ, मीनार, छतरियां और बहुत कुछ है. यहां आप ट्रेन और बस से भी जा सकते हैं. अन्य राज्यों से लोग यहां घूमने आते हैं. पटना से कुल 156 किमी की दूरी पर सासाराम शहर है जहां ये टॉम्ब स्थित है. यहां पहुंचने के लिए आपको ज्यादा खर्च करने की जरूरत नहीं होगी. नए साल पर दोस्त परिवार और साथियों के साथ यहां घूमने का लुत्फ उठा सकते हैं.
नालंदा में पावापुरी
पावापुरी में स्थित “जल मंदिर” राजगीर और बोधगया के पास पावापुरी भारत के बिहार के नालंदा में स्थित एक शहर है. यह जैन धर्म के मतावलंबियो के लिये एक अत्यंत पवित्र शहर है. माना जाता है कि भगवान महावीर को यहीं मोक्ष की प्राप्ति हुई थी. यहां के जल मंदिर की शोभा देखते ही बनती है. यहां भी कम बजट में आसानी से पहुंचा जा सकता है.
नए साल पर यदि आपको ऐतिहासिक मंदिरों के दर्शन करने हैं तो ये जगह सबसे सही है. यहां का खूबसूरत नजारा आपका मन मोहने वाला है. यहां आप ट्रेन और बस से भी पहुंच सकते हैं. रुकने के लिए खास व्यवस्था की गईं हैं. होटल और धर्मशाला का इंतजाम हैं.
तुतला देवी
बिहार के रोहतास के तिलौथू प्रखण्ड में मां तुतला भवानी की प्राचीन मंदिर स्थित है. तुतला भवानी धाम का मंदिर रोहतास जिला मुख्यालय से 38 किमी की दूरी तिलौथू प्रखंड में कैमूर की मनोरम पहाड़ियों में है. तुतला भवानी मंदिर पहाड़ी की घाटी में स्थित है. मंदिर के सटे पहाड़ी में कछुअर नदी बहती है. तुतला भवानी मंदिर के आसपास की प्राकृतिक छटा मनोरम है. यहां पहाड़ों से नदियां और झरने बहते हैं.
नए साल पर यहां काफी भीड़ लगती है. आप दोपहिया और चार पहिया वाहन से जा सकते हैं. अगर ट्रेन या बस से जाते हैं तो यहां पहुंचने के लिए आपको सबसे पहले डेहरी आन-सान उतरना होगा. फिर वहां से पास में बस स्टैंड रामडिहरा आन-सोन है. यह बस स्टैंड एनएच टू सी (डेहरी-यदुनाथपुर पथ) पर अवस्थित है. यहां से पांच किमी पश्चिम कैमूर पहाड़ी की घाटी में जाना पड़ता है. वहां जाने के लिए ऑटो रिक्शा उपलब्ध है. मंदिर से 100 मीटर की दूरी तक सड़क बनी हुई है. इस जगह पर नए साल में जमकर भीड़ लगती है. ऊपर से गिरता झरना लोगों का मन मोह लेता है. यहां आसपास में रुकने की भी व्यवस्था है. आप कम बजट में इन सभी जगहों का आनंद ले सकते हैं.
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