पटना: बिहार के गया जिले के बेलागंज थाना के आढ़तपुर में प्रदेश की पुलिस द्वारा 19 फरवरी को महिलाओं के साथ की गई बेरहमी और दुर्व्यवहार मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने संज्ञान लिया है. मशहूर अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कार्यकर्ता और ह्यूमन राइट्स अम्ब्रेला फाउंडेशन-एचआरयूएफ के चेयरमैन विशाल रंजन दफ्तुआर के पत्र पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने त्वरित कार्रवाई की है.
48 घंटे के अंदर लिया संज्ञान
इस मामले में दफ्तुआर ने गुरुवार 24 फरवरी की शाम में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को सूचित किया था और इस संदर्भ में व्यक्तिगत तौर पर भी उन्होंने ऊपरी स्तर पर बातचीत की थी. ऐसे में आयोग ने 48 घंटों की कार्यावधि में इस मामले पर कार्रवाई की है. सोमवार को आढ़तपुर मानवाधिकार हनन मामले को केस के तौर पर रजिस्टर कर लिया गया है.
विशाल ने आयोग को भेजे गए पत्र में लिखा था कि मानवाधिकार हनन के इस घटना पर एनएचआरसी की तत्काल पहल जरूरी है. यह राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर का मुद्दा है. बिहार के गया जिला के बेलागंज थाना के आढ़तपुर गांव में पिछले दिनों पुलिस ने महिलाओं के साथ जैसी बर्बरता बरती, वह अत्यंत गंभीर मानवाधिकार हनन की घटना है. महिलाओं की साड़ी को फाड़कर उनके हाथ बांधे गए. उनसे बर्बरता की गई. यह कड़ी कारवाई का विषय है.
विशाल दफ्तुआर ने बताया कि इस गंभीर मानवाधिकार हनन मामले में राज्य सरकार ने कोई उचित कार्रवाई अब तक नहीं की है. ऐसे में उन्होंने उचित कार्रवाई के लिए इस मामले में पहल की है.
जानें क्या है पूरा मामला
मालूम हो कि जिले के उक्त गांव में नदी किनारे जिला खनन विभाग द्वारा बालू उठाव को लेकर सीमांकन करने का काम शुरू किया गया था. इसी दौरान ग्रामीण उग्र हो गए थे और इसका विरोध करते हुए पुलिस बल पर पथराव कर दिया था, जिसमें नौ पुलिस जवान बुरी तरह घायल हो गए थे.
घटना के बाद जिला पुलिस की ओर से और सुरक्षाबल जवानों को भेजा गया था, जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए पथराव करने वाले महिला-पुरुष व किशोरियों सहित 10 को गिरफ्तार कर लिया. हालांकि, इस दौरान उन्होंने जो तरीका अपनाया उसका वीडियो वायरल हो रहा है.
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