गोपालगंज: बिहार का गोपालगंज जिला एक बार फिर आतंकी गतिविधियों को लेकर सुर्खियों में आ गया है. यहां से एनआईए ने आतंकी संगठनों को टेरर फंडिंग करने के मामले में बुधबार को एक संदिग्ध आतंकी को गिरफ्तार किया है. ये कार्रवाई गोपालगंज के मांझा थाना क्षेत्र के पथरा गांव में की गई है. गिरफ्तार युवक मो. हसमुल्लाह अब्बास का बेटा जफर अब्बास है. गोपालगंज के एसपी आनंद कुमार ने गिरफ्तारी की पुष्टि की है. हालांकि, कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया है. एनआईए ने जफर अब्बास के आलीशान मकान से दो लैपटॉप, छह मोबाइल, छह सिम कार्ड, बैंक पासबुक और पासपोर्ट समेत कई दस्तावेज बरामद किए हैं.


जफर अब्बास का पाकिस्तान से मिला कनेक्शन


पुलिस सूत्रों के मुताबिक गिरफ्तार जफर अब्बास का दुश्मन देश पाकिस्तान से कनेक्शन जुड़ा था. सुरक्षा एजेंसियों की इनपुट पर एनआईए और स्थानीय पुलिस उस पर कई दिनों से नजर रख रही थी. जैसे ही पुख्ता सबूत मिले, एनआईए की टीम गोपालगंज पहुंच गई और उसे गिरफ्तार कर लिया. इसके पूर्व में ही एनआईए ने केस संख्या R.C.30/2021/N.I.A./D.L.I. दर्ज कर तफ्तीश शुरू कर दी थी. एनआईए की इस कार्रवाई के बाद गोपालगंज पुलिस ने पूरे इलाके में चौकसी बढ़ा दी है. संदिग्धों पर नजर रखी जा रही है.


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जफर ने भोपाल से की है इंजीनियरिंग 


एनआईए ने जिस युवक को आतंकी संगठन से जुड़े होने के शक में गिरफ्तार किया है, वो बीटेक फाइनल इयर का छात्र है. परिवार वालों के मुताबिक वह मध्यप्रदेश के भोपाल के आरजीपीयू यूनिवर्सिटी के आईईएस कॉलेज में बीटेक की पढ़ाई करता था. कोरोना काल में वह अपने घर आया और यहीं से ऑनलाइन पढ़ाई करने लगा. फरवरी 2022 में फाइनल ईयर का एग्जाम होना था. जफर दो भाइयों में बड़ा भाई है. छोटे भाई ने इसी माह मैट्रिक बोर्ड की परीक्षा दी है.


जफर के परिजनों ने कही ये बात


एनआईए की कार्रवाई के बाद परिवार के लोगों ने जफर अब्बास को निर्दोष बताया है. पथरा गांव में जफर की मां सलीम बेगम ने कहा कि बेटा आतंकी नहीं हो सकता. उसे पंचायत चुनाव के तहत साजिश में फंसाया गया है. वहीं, गिरफ्तार युवक के पड़ोसी और रिश्तेदारों ने भी उसे निर्दोष बताया है.


पहले भी हो चुकी है गिरफ्तारी 


गोपालगंज में एनआईए की कार्रवाई का यह कोई पहला मामला नहीं है. इसके पहले भी लश्कर-ए-तैयबा के खूंखार शेख अब्दुल नईम आतंकी का कनेक्शन गोपालगंज से जुड़ा था. शेख अब्दुल नईम गोपालगंज में नाम व पता बदलकर पासपोर्ट बनवा चुका था और यहां लश्कर-ए-तैयबा का स्लीपर सेल तैयार करता था. साल 2017 में खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट पर बनारस से शेख अब्दुल नईम की गिरफ्तारी हुई. उसके बाद गोपालगंज से जुड़े तार का खुलासा हुआ और लश्कर-ए-तैयबा के स्लीपर सेल से जुड़े सक्रिय सदस्य बेदार बख्त उर्फ धन्नू राजा की गिरफ्तारी दिसंबर 2017 में नगर थाना के जादोपुर चौक स्थित ननिहाल से हुई थी. 



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