सीवान: बिहार के सीवान में बुधवार को जम्मू कश्मीर से आई आई एनआईए की टीम जेल मे बंद एक शख्स को अपने साथ लेकर चली गई. जिस शख्स को टीम अपने साथ लेकर गई है वो जिले के बड़हरिया थाना क्षेत्र के बभनौली गांव निवासी स्व. शरीफ मियां का 22 वर्षीय पुत्र इरफान उर्फ चुन्नू है. वो आर्म्स एक्ट सहित कुछ अन्य मामलों में कई महीनों से सीवान जेल में बंद था. आरोप है कि वो आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के संपर्क में रहा है और नौ एमएम की कई पिस्टल संगठन के सदस्यों को बेचने का काम किया है.
एनआईए के डीएसपी के साथ पहुंची थी टीम
इसी मामले में कार्रवाई करते हुए एनआईए की टीम उसे अपने साथ जम्मू कश्मीर लेकर गई है. इस संबंध में सीवान के जेल अधीक्षक संजीव कुमार ने बताया कि जम्मू कश्मीर से एनआईए के डीएसपी आरके पाण्डेय के साथ कुल चार लोगों की टीम आई और जेल में बंद इरफान उर्फ चुन्नू को अपने साथ लेकर चली गई. इरफान 2020 से सीवान मंडल कारा में बंद था. जेल अधीक्षक ने यह भी बताया कि एनआईए की टीम बता रही थी कि इरफान को जम्मू कश्मीर की अदालत में उपस्थित कराना था. इसके पहले भी एनआईए की टीम सीवान जेल पहुंच कर पूछताछ कर चली गई थी.
सारण के चार युवकों पर लगा आरोप
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इरफान हथियार सप्लाई के धंधे में संलिप्त है. उसने जैश-ए-मोहम्मद के एक सदस्य को हथियार की सप्लाई की थी. मामले में जांच के बाद एनआईए के हाथ कई चौंकाने वाले तथ्य हाथ लगे थे. बिहार के सीवान के साथ ही सारण जिले से हथियार सप्लाई के साक्ष्य मिले थे. बताया जा रहा है कि युवक ने कुल सात पिस्टल जैश-ए-मोहम्मद के सदस्य को बेचा था.
जैश-ए-मुहम्मद ने इन पिस्टलों की भारी-भरकम कीमत भी लगाई थी. जानकारी के अनुसार सात पिस्टलों को युवकों ने सात लाख रुपए में बेचा था. पिछले दिनों हथियार सप्लाई मामले में सारण जिले से भी चार युवकों की गिरफ्तारी की एनआईए ने की थी. सारण से गिरफ्तारों युवकों में दो सगे भाई हैं. जांच में इरफान का नाम सामने आने के बाद एनआईए की टीम पहले भी सीवान जेल पहुंची थी और उससे पूछताछ की थी. संतोषजनक जवाब नहीं मिलने के कारण उसे जम्मू कश्मीर ले जाया गया है.
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