पटना:  बीजेपी ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री एवं बिहार बीजेपी प्रवक्ता डॉ निखिल आनंद ने बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को सलाह देते हुए कहा है कि वे गंभीर राजनीति करें और भाषा की मर्यादा का ख्याल रखें. लोकतांत्रिक राजनीति में अश्लील और आपत्तिजनक भाषा बोलकर तालियां बटोरी जा सकती हैं लेकिन इससे कतई भी सराहा नहीं जा सकता है.


उन्होंने कहा कि तेजस्वी जब कहते हैं कि किसी के बाप का मजाल है क्या? तो उन्हें यह जान लेना चाहिए कि लोकतंत्र में किसी के भी बाप का मजाल नहीं है और बिहार या यह देश किसी के भी बाप का नहीं है. 


'राजद में नेतृत्व की कमान परिवार के लिए रिजर्व है'


निखिल आनंद ने कहा कि अपशब्दों के प्रयोग से पहले तेजस्वी यादव को अपने गिरेबान में झांकना चाहिए क्योंकि वह खुद राजनीति में अपने पिता की बदौलत स्थापित हैं. अगर तेजस्वी यादव लालू यादव के बेटे नहीं होते और राष्ट्रीय जनता दल लालू प्रसाद के परिवार की पार्टी नहीं होती तो तेजस्वी का राजनीतिक वजूद आज नहीं होता. राजद में ज्यादा बेहतर और काबिल नेता और कार्यकर्ता सड़कों पर संघर्ष जरूर कर रहे लेकिन उन्हें पता है कि वे कभी नेतृत्व के स्तर पर नहीं उभर सकते हैं. राजद में नेतृत्व की कमान परिवार के लिए रिजर्व है.


'नरेंद्र मोदी 2024 में भी भारत के प्रधानमंत्री बनेंगे'


निखिल आनंद ने कहा कि लालू यादव ने आडवाणी को झांसा देकर और धोखे से गिरफ्तार किया. महात्मा गांधी सेतु के समीप ही लालूजी उन्हें गिरफ्तार करना चाहते थे लेकिन बीजेपी नेता नित्यानंद राय द्वारा जन मुहिम खड़ा कर विरोध करने के कारण वह ऐसा नहीं कर सके.


वहीं विपक्षी एकता की कवायद पर निखिल आनंद ने कहा कि आरजेडी के दबाव के कारण नीतीश कुमार राष्ट्रीय राजनीति में अपनी भूमिका की तलाश कर रिटायरमेंट का प्लान कर रहे हैं.


नरेंद्र मोदी 2014 और 2019 के बाद 2024 में भी भारत के प्रधानमंत्री बनेंगे. वहीं परिवारवाद भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी हुई और पॉकेट की राजनीतिक दुकानों के नेता चुनाव आने पर मेंढकों की तरह टर्र-टर्र करते हुए विपक्षी एकता की वकालत कर रहे और सुर अलाप रहे हैं. 'विपक्षी' एकता की मुहिम में लगे यह सारे लोग साइबेरियन 'पक्षी' बनके चुनाव के बाद विलुप्त हो जाएंगे.


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