Bihar News: '2030 तक भारत की इकोनॉमी 7 मिलियन डॉलर होगी', गया में नीति आयोग के CEO बीवीआर सुब्रमण्यम का दावा
Niti Aayog: सीईओ सुब्रमण्यम ने कहा कि भारत विश्व की पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था है. आने वाले दो से तीन सालों में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहे है.
Niti Aayog CEO BVR Subrahmanyam: बिहार में गया में नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रमण्यम ने (07 अक्टूबर) को कहा कि भारत अगले दो से तीन सालों में विश्व की तीसरी अर्थव्यवस्था हो जाएगा. देश के आजादी के 100 साल पूरे होने तक भारत के विकसित देश के रूप में उभरेगा. दरअसल बिहार लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास संस्थान (बिपार्ड) की तरफ से आयोजित एक प्रेसवार्ता के दौरान वो पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे, जहां उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था पर कई अहम बातें कहीं.
'भारत विश्व की पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था'
प्रेसवार्ता में नीति आयोग के सीईओ बीवी आर सुब्रमण्यम ने कहा कि आज भारत विश्व की पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था है और जिस गति से हमारा देश आगे बढ़ रहा है वो आने वाले दो से तीन सालों में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने जा रहे है. 2030 तक हमारी इकोनॉमी 7 मिलियन डॉलर होने जा रही है और प्रधानमंत्री मोदी का लक्ष्य है कि देश को 2047 तक यानी आजादी के 100 साल पूरे होने पर हम हमारे देश को विकसित भारत बनाएंगे.
उन्होंने कहा कि विकसित भारत की परिभाषा क्या है? विकसित भारत की परिभाषा है डेवलप कंट्री, डेवलप कंट्री दो प्रकार के होते हैं, हमारी जो अर्थव्यवस्था है उसमें सालाना 18 हजार डॉलर का लक्ष्य रखा गया है. भारत की अर्थव्यवस्था 30 मिलियन डॉलर की होगी. लगभग नौ गुना इसका मतलब 2047 तक भारत की अर्थव्यवस्था आज अमेरिका की इकोनॉमिक से बड़ी होगी, लेकिन देश डेवलप होने की परिभाषा पैसों से नहीं की जा सकती है. लोग कैसे रह रहे है, कैसे जी रहे है, आपको कितना सुख है. ये सारी चीजों को भी देखना है. इसलिए पहले देश में हर व्यक्ति को रोटी, कपड़ा, मकान, फोन, बैंक खाता ये सब चीजें हो जाएं उसके बाद लोगों को अच्छी सेहत, अच्छे मकान हो उस दिशा में हम काम कर रहे है.
सुब्रमण्यम बिहार नेक्स्ट जेन लैब का करेंगे शुभारंभ
बीवी आर सुब्रमण्यम 8 अक्टूबर को गया में बिहार नेक्स्ट जेन लैब का शुभारंभ करेंगे. यह लैब प्रशासकों को प्रशिक्षित करने के लिए घरेलू सुरक्षित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीकों का लाभ देगी. उन्होंने ये भी बताया कि AI का एकीकरण न केवल सुरक्षित डेटा हैंडलिंग का समर्थन करेगा बल्कि इस प्रयोगशाला से प्रशिक्षु अधिकारियों और सरकारी अधिकारियों को पूर्वानुमानात्मक विश्लेषण, नीति निर्माण और शासन अनुकूलन के लिए एआई की शक्ति का उपयोग करने में सक्षम बनाने की उम्मीद है.
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