Niti Aayog Report: नीति आयोग की रिपोर्ट पर केंद्र के ‘खिलाफ’ हैं सुशील कुमार मोदी, CM नीतीश कुमार का दिया साथ
सुशील मोदी ने कहा कि नीति आयोग की जिस रिपोर्ट का हवाला दिया जाता है, वह 2015-16 के छह साल पुराने आंकड़ों पर आधारित है. आयोग को परामर्श कर विकास की गति मापने वाले नए पैमाने बनाने चाहिए.
पटनाः बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और राज्य सभा के सदस्य सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) को नीति आयोग (Niti Aayog) की रिपोर्ट पर भरोसा नहीं है. बीजेपी नेता का कहना है कि नीति आयोग को रिपोर्ट तैयार करने नहीं आता है, दस पहले की परिस्थितियों का जिक्र किए बिना पुराने आंकड़े पर रिपोर्ट जारी करना उचित नहीं है. जिस तरह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के मंत्री और विधायक इस रिपोर्ट पर सवाल उठा रहे हैं अब ठीक उसी तरह बीजेपी (BJP) नेता ने नीति आयोग की रिपोर्ट पर प्रश्न खड़ा कर दिया है.
सुशील कुमार मोदी ने क्या कहा?
रविवार को सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नीति आयोग यदि इस आधार पर कोई रैंकिंग रिपोर्ट जारी करे कि सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य, कानून-व्यवस्था और प्रति व्यक्ति आय जैसे मानकों पर किसी राज्य ने 10 साल में कितनी प्रगति की है, तो इसमें बिहार सबसे आगे होगा. आयोग को राज्यों से परामर्श कर विकास की गति मापने वाले नए पैमाने बनाने चाहिए.
यह भी पढ़ें- मुंबई छोड़ने से पहले भोजपुरी में दो शब्द कहकर शिवदीप लांडे ने जीत लिया दिल, यूजर्स कह रहे- बिहार को आपकी जरूरत
‘छह साल पुराने आंकड़ों पर आधारित है रिपोर्ट’
नीति आयोग की जिस रिपोर्ट का हवाला दिया जाता है, वह एक तो 2015-16 के छह साल पुराने आंकड़ों पर आधारित है. दूसरे वह रिपोर्ट देश के पंजाब-गुजरात जैसे संपन्न राज्यों, गोवा-उत्तराखंड जैसे छोटे राज्यों और बिहार-ओडिशा जैसे पिछड़े राज्यों की भिन्न आर्थिक-भौगोलिक परिस्थितियों का कोई आकलन नहीं करती.
सुशील मोदी ने कहा कि नीति आयोग को आबादी, संसाधन और क्षेत्रफल जैसे आधार पर राज्यों का वर्गीकरण करना चाहिए. प्रत्येक वर्ग की प्रगति का आकलन करते समय यह भी ध्यान रखना चाहिए कि दस साल पहले वह राज्य दस मुख्य मानकों पर कहां खड़ा था.
यह भी पढ़ें- बिहार के भागलपुर के रहने वाले ओमकार की सोनू सूद ने क्यों की तारीफ, सपोर्ट मांगा, यहां देखें पूरा VIDEO