पटना: सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) इन दिनों एक्शन में दिख रहे हैं. सीएम लगातार कई बैठक कर रहे हैं. वहीं, सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कैबिनेट की मीटिंग बुलाई थी. मंत्रिपरिषद की इस बैठक में  कुल 19 एजेंडों पर मुहर लगी. बिहार में अब खेल विभाग होगा. नीतीश कैबिनेट ने आज इस पर मुहर लगा दी. पहले कला संस्कृति मंत्रालय के तहत आता था. वहीं, कैबिनेट की बैठक में पंचायत स्तर के जनप्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाने का निर्णय लिया गया है. इसके साथ ही आंगनबाड़ी सेविका का मानदेय  5950 से बढ़ा कर सात हजार कर दिया गया है. सहायिका का मानदेय 2975 से बढ़ाकर 4000 करने का निर्णय लिया गया है.


'अब जल्द ही खेल विभाग के अलग मंत्री भी होंगे'


बिनेट सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने जानकारी देते हुए बताया कि आगामी राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय खेलों में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए युवाओं को प्रशिक्षित करना आवश्यक है. इन सभी कार्यों के लिए एक विशेष विभाग की आवश्यकता महसूस की जा रही थी. बिहार में युवाओं को खेलकूद में प्रोत्साहन देने के लिए राज्य सरकार ने दृढ़ संकल्प लिया और उसके तहत खेल विभाग को अलग किया गया है. कल से इस पर प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी और खेल विभाग का सब कुछ अलग होगा. मंत्रालय भी अलग होगा. अब जल्द ही खेल विभाग के अलग मंत्री भी होंगे.


आंगनबाड़ी सेविकाओं को लेकर बड़ा फैसला


आगे कैबिनेट सचिव ने जानकारी देते हुए बताया कि दूसरा सबसे महत्वपूर्ण निर्णय आंगनबाड़ी सेविका को लेकर लिया गया है. आंगनबाड़ी सेविका पर राज्य सरकार ने उदारता दिखाते हुए दो दिन पहले 18000 निलंबित आंगनबाड़ी सेविकाओं को काम पर वापस रख लिया था तो अब राज्य सरकार ने सभी आंगनबाड़ी सेविकाओं का मानदेय भी बढ़ा दिया है. आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका का मानदेय समाज कल्याण विभाग के केंद्रांश और राज्यांश मिलाकर दिए जाते हैं, लेकिन केंद्र का जो 38 प्रतिशत राशि है वही रहेगा केंद्र ने अपना पैसा नहीं बढ़ाया है, लेकिन राज्य सरकार ने अपनी ओर से यह राशि बढ़ाकर आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका को देने की मंजूरी दे दी है.


पंचायत प्रतिनिधियों के लिए खुशखबरी


इसके अलावा के राज्य सरकार ने पंचायत प्रतिनिधियों पर भी उदारता दिखाते हुए सभी पंचायत प्रतिनिधियों के मासिक मानदेय बढ़ाने का निर्णय लिया है. इसमें मुखिया का मानदेय पहले 2500 रुपया था उसे दोगना करके 5000 कर दिया गया है. उप मुखिया का पहले 1200 था जिसे बढ़ाकर 2500 रुपया कर दिया गया है. वार्ड सदस्य का मानदेय पहले 500 प्रति माह था, जिसे बढ़ाकर 800 कर दिया गया है. सरपंच का मासिक मानदेय 2500 रुपए पहले थे जिसे दोगुना करके 5000 कर दिया गया है. उप सरपंच का मानदेय पहले 1200 था जिसे ढाई हजार रुपया कर दिया गया है. पंच का मानदेय पहले 500 था जिसे बढ़ाकर 800 कर दिया गया है. राज्य सरकार को उसके लिए सालाना 3 अरब 39 करोड़ 38 लाख 85 हजार 600 रुपये अतिरिक्त व्यय होंगे.


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