Prohibition Law Amendment: शराबबंदी कानून में संशोधन को नीतीश कैबिनेट ने दी मंजूरी, जानें- अब किन नियमों का पालन करेगी पुलिस
काफी समय से शराबबंदी कानून में संशोधन की चर्चा थी. साल के शुरुआत में ही तय हो गया था कि इस बार सरकार कानून में बदलाव करने के मूड में है. चर्चा थी कि सरकार ऐसा ही कोई फैसला करेगी.
पटना: बिहार में लागू शराबबंदी कानून में संशोधन को नीतीश कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. बजट सत्र के बीच हुए नीतीश कैबिनेट की बैठक में कानून में संशोधन को स्वीकृति दी गई है. बिहार मद्य निषेध उत्पाद अधिनियम 2016 में संशोधन के बाद अब राज्य में वैसे लोग जेल नहीं जाएंगे, जिन्होंने पहली बार शराब पी होगी. ऐसे लोग अगर पुलिस के हत्थे चढ़े तो उन्हें जेल नहीं जाना पड़ेगा बल्कि पुलिस फाइन लेकर उन्हें छोड़ देगी. हालांकि, इसके लिए एक तय प्रक्रिया का पालन करना पड़ेगा.
कानून में बदलाव की थी चर्चा
बता दें कि काफी समय से शराबबंदी कानून में संशोधन की चर्चा थी. साल के शुरुआत में ही तय हो गया था कि इस बार सरकार कानून में बदलाव करने के मूड में है. चर्चा थी कि सरकार ऐसा ही कोई फैसला करेगी. ऐसे में कैबिनेट की बैठक में चर्चा को अमली जामा पहनाया गया. गौरतलब है कि कानून लागू कराने में हो रही गड़बड़ी को लेकर अक्सर विपक्ष के टारगेट पर रह रही नीतीश सरकार एक ओर जहां कानून को सख्ती से लागू कराने का प्रयास कर रही है. वहीं, दूसरी ओर कानून में बदलाव किया जा रहा है, ताकि कोर्ट और जेल में बढ़ रहे दबाव को कम किया जा सके.
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एक्साइज कमिश्नर ने कही थी ये बात
बता दें कि बीते दिनों कानून में होने वाले संशोधन के संबंध में जानकारी देते हुए एक्साइज कमिश्नर बी. कार्तिकेय धंजी ने कहा था, " जो संशोधन हैं, वो लंबे समय से विचाराधीन थे. इसमें जो पेनाल्टी लेकर छोड़ने का प्रावधान है, उसका अमेंडमेंट 2018 में ही हो गया था. अधिनियम में 2018 में ही पेनल्टी लेकर छोड़ने का प्रावधान हो गया था. लेकिन अब जो बदलाव ला रहे हैं, वो ये है कि जो अधिकार संशोधन के बाद न्यायालय के पास जाना था, 50 हज़ार की पेनल्टी लेकर छोड़ने का वो अब हम प्रस्तावित कर रहे हैं कि कार्यपालक दंडाधिकारी के पास ये अधिकार हो. उनके पास से ही उन्हें (शराबियों) पेनल्टी लेकर छोड़ने की कार्रवाई हो. ये प्रस्ताव में ही है. इस पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है. अलग-अलग फोरम पर फीडबैक लिया जा रहा है."
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