पटना: अफसरशाही से परेशान बिहार के समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी के इस्तीफे के एलान के बाद से सूबे का सियासी पारा चढ़ गया है. राजनीतिक उथल-पुथल जारी है. इसी उथल-पुथल के बीच नीतीश कैबिनेट के दो मंत्रियों के बीच टकराव की खबर सामने आई है. दरअसल, बीजेपी कोटा से मंत्री बने जीवेश मिश्रा ने मंत्री मदन सहनी के मामले में प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि विभाग में तालमेल बैठा कर काम करना पड़ता है. हमारे विभाग में ऐसी कोई समस्या नहीं है. मंत्री के इसी बयान पर मदन सहनी भढ़क गए और उनपर जमकर हमला बोला.
'सीमा में रहें जीवेश मिश्रा'
मंत्री जीवेश मिश्रा के बयान पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा, " हम राजनीतिक प्राणी हैं, हम दलाल नहीं हैं, जो तालमेल बैठाएंगे. इस विद्या को वे अपने आप तक सीमित रखें. वो इसी लाइन से जुड़े हुए हैं, इसलिए उनको ऐसा लगता है. मैं उन्हीं के जिला का हूँ, उनको बेहतर तरीके से जानता हूँ. जिस धंधे से वो जुड़े हुए हैं, उस धंधे का मैं उनसे बड़ा जानकर हूँ. उनको अपनी सीमा रहना चाहिए. उनको दो-दो विभाग मिला हुआ है, इसलिए वो ज्यादा खुश हैं. वो हमसे प्रमाण पत्र लेने वाले कौन होते हैं, संचिका मुख्य सचिव तक पहुंचा हुआ है, उसका निराकरण क्यों नहीं कर रहे. उनको अपनी सीमा में रहना चाहिए."
'कभी कोई परेशानी नहीं हुई'
दरअसल, मदन सहनी के इस्तीफे की पेशकश पर प्रतिक्रिया देते हुए मंत्री जीवेश मिश्रा ने कहा, " अन्य विभागों में क्या होता है, मुझे इसकी जानकारी नहीं है. लेकिन मुझे जिस विभाग की जिम्मेदारी मिली है, वहां ऐसी कोई बात नहीं है. मंत्री सरकार होता और वो तालमेल और सूझबूझ से विभाग चलाता है. हमारे विभाग में काफी सीनियर लेवल के अधिकारी हैं, लेकिन कहीं इस तरह की कोई बात नहीं है. कभी कोई परेशानी नहीं हुई है. ऐसे में इस संबंध में कुछ भी कहना उचित नहीं है."
बीजेपी विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, " ज्ञानू जी की बात वो ही जानेंगे और बेहतर तरीके से बताएंगे. लेकिन मेरा मानना है कि अगर ज्ञानू जी के पास कोई सबूत है, तो वो उसे लेकर पार्टी के आलाकमान से मुलाकात करें. सार्वजनिक रूप से ऐसी बातों को कहने का क्या मतलब है. वहीं, अगर उनके पास सबूत नहीं है और उन्होंने निराधार बातें की हैं, तो ये सही नहीं है."
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