पटना: नीतीश सरकार (Nitish Kumar) ने अति पिछड़ा आयोग, महादलित आयोग, राज्य अनुसूचित जाति आयोग और राज्य अनुसूचित जनजाति (एसटी) आयोग को भंग करने का फैसला लिया है. बिहार में महागठबंधन सरकार खत्म हो गई है. एनडीए (NDA) सरकार बनी है. अब नए सिरे से इन आयोगों का पुनर्गठन किया जाएगा. इन आयोगों में आरजेडी-जेडीयू से जुड़े नेता थे. इन अयोगों के सदस्यों को लोकहित एवं प्रशासनिक दृष्टिकोण के मद्देनजर पदमुक्त किया गया है.
सभी जिलों के प्रभारी मंत्रियों को हटाया दिया गया
बता दें कि शुक्रवार को सभी जिलों के प्रभारी मंत्रियों को भी हटा दिया गया था और इसके अलावा 20 सूत्री कमेटी भी भंग कर दी गई है. कैबिनेट विस्तार के बाद फिर से जिलों के प्रभारी मंत्री बनाए जाएंगे. आयोगों व 20 सूत्री कमेटी में जेडीयू-बीजेपी नेताओं को जगह मिलेगी. नाराज, असंतुष्ट चल रहे नेताओं को इसमें जगह दी जाएगी.
नीतीश कुमार के हटने के बाद कांग्रेस ने की समीक्षा बैठक
वहीं, कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने जनता दल यूनाइटेड अध्यक्ष नीतीश कुमार के ‘महागठबंधन’ सरकार से अलग होने के बाद बिहार के राजनीतिक घटनाक्रम की समीक्षा के लिए शनिवार को एक बैठक की. पार्टी सूत्रों ने यह जानकारी दी. सूत्रों ने बताया कि यहां अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी मुख्यालय में आयोजित बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, बिहार के पार्टी प्रभारी मोहन प्रकाश, पीसीसी प्रमुख अखिलेश प्रसाद सिंह, कई पार्टी विधायक और अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हुए. सूत्रों ने कहा कि बैठक के दौरान नेताओं ने बिहार के नवीनतम राजनीतिक घटनाक्रम की समीक्षा की और कुमार के अब विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन में नहीं होने के मद्देनजर भविष्य की कार्रवाई पर चर्चा की. बता दें कि नीतीश कुमार ने नाटकीय उलटफेर करते हुए रविवार को रिकॉर्ड नौवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. उन्होंने महागठबंधन छोड़कर भारतीय जनता पार्टी के साथ नई सरकार बनाई.
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