पटनाः बिहार के एक मंत्री के घर में लालू और नीतीश की वजह से पति और पत्नी के बीच घमासान मचा हुआ है. दबंग पति नीतीश राज को जैसे ही महाजंगल राज करार दिया तो पत्नी बीमा भारती जो नीतीश की मंत्री हैं वह भड़क उठी पर पति के सामने धीमी आवाज़ में सुशासन बता रही है. चुनाव के पहले बिहार के दबंग पति औऱ मंत्री पत्नी के बीच गरमा गरम बहस छिड़ गई है. यह वही बीमा भारती हैं जिन्हें पति अवधेश मंडल ने नशे में ज़बरदस्त पिटाई कर दी थी, जिसके बाद बीमा भारती कई दिन तक अस्पताल में भर्ती रही थी. पर अब वह पति का साथ दे रही हैं और उन्हें विधायक बनाए जाने की वकालत भी कर रही हैं. पति उस मार पीट की घटना को भूल जाने की बात कह पीछा छुड़ा रहे हैं.
बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी तेज हो गई है. सभी नेता चुनाव में अपनी-अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं. इसी क्रम में सोमवार को नीतीश सरकार की मंत्री और विधायक बीमा भारती ने अपनी घोषणा से सबको चौंका दिया है. दरअसल, बीमा भारती ने यह घोषणा की है इस विधानसभा चुनाव में वह तो जेडीयू की टिकट से लड़ेंगी लेकिन उनके पति अवधेश मंडल आरजेडी के टिकट से चुनावी मैदान में उतरेंगे.
इस संबंध में एबीपी न्यूज़ संवाददाता प्रकाश कुमार ने अवधेश मंडल और मंत्री बीमा भारती से बातचीत की. इस दौरान अवधेश मंडल ने कहा, " आपको इस बात की जानकारी भी होगी कि वर्ष 2000 में बीमा भारती को निर्दलीय जीताकर नीतीश कुमार को सपोर्ट किया था, जिस समय वो 13 दिन के मुख्यमंत्री थे, उस समय से हम साथ थे. बीच में आरजेडी में गए फिर जेडीयू में वापसी हुई. मेरी मुख्यमंत्री से यहीं नाराजगी है कि वो सिर्फ बीमा भारती को पहचानते हैं अवधेश मंडल को नहीं, जब काम लगता है प्रचार प्रसार की आवश्यकता होती है तो उस समय अवधेश मंडल की खोज होती है. एमपी चुनाव से लेकर विधानसभा चुनाव तक अवधेश मंडल की खोज होती है. हमसे नीतीश कुमार को परहेज नहीं, हम अत्यंत पिछड़ा से आते हैं इसलिए उनको परहेज है."
अवधेश मंडल ने कहा, " मेरे छवि को लेकर क्यों? उनके पार्टी में मेरे जैसा छवि वाला नहीं है क्या? सुनिल पांडे क्या है? मुन्ना शुक्ला क्या थे? राजन तिवारी क्या थे? उनलोग का क्या छवि है? उनके छवि को भी देखें. इन्होंने तो उन्हें टिकट भी दिया था. क्या इन्होंने मुन्ना शुक्ला या सुनील पांडे को टिकट नहीं दिया था? क्या मोकामा के अनंत सिंह को टिकट नहीं मिला था? आप उनलोग की छवि नहीं देखे और आप मेरी छवि देख रहे हैं."
उन्होंने कहा, " मुझे नहीं पता कि वो परहेज क्यों कर रहे हैं. इसबार तो टिकट को लेकर उनसे कोई बात नहीं हुई. पिछली बार मुख्यमंत्री से मेरी बात हुई थी, मैं आलमनगर से लड़ने की बार कह रहा था, तो उन्होंने बुलाकर कहा था कि इसबार नरेंद्र यादव को वहां से लड़ने दो नहीं तो हम बीमा भारती का टिकट काट देंगे. मैं एलजेपी से लड़ना चाहता था लेकिन मैंने उनके निर्देश पर छोड़ दिया. बीच में लोकसभा चुनाव में उन्होंने याद किया. जब चुनाव आता है तो याद करते हैं, बाद में कोई पूछने वाला नहीं पार्टी में. इसलिए मैंने इसबार आरजेडी में जाने का मन बना लिया है. अगर आरजेडी टिकट देती है तो मैं आलमनगर से चुनाव लड़ूंगा.
अवधेश मंडल ने बताया, " लालू जी से टिकट के लिए बात हुई है और उन्होंने आश्वासन दिया है. ये बिहार के लिए कोई नया बात नहीं. बिहार में ऐसे बहुत लोग हैं जिसके बाप-बेटा में कोई जेडीयू में है तो कोई बीजेपी में. आप पप्पू यादव को देख लें कोई आरजेडी से जीता है तो कोई कांग्रेस से. "
पत्नी बीमा भारती के खिलाफ चुनाव प्रचार करने के संबंध में उन्होंने कहा, " मैं बीमा भारती के खिलाफ क्यों जाऊंगा प्रचार करने. मुझे अपने प्रचार से ही समय नहीं मिलेगा तो मैं दूसरे के प्रचार के लिए क्यों जाऊंगा. मैं तो चाहूंगा कि मैं जीतूं, बीमा भारती के जीत के लिए वो सोचे. मैं दोनों की जीत का इच्छा क्यूं करूंगा, मैं अपनी जीत के लिए सोचूंगा, मैं अपना प्रचार करूंगा, वो अपना करे."
पत्नी से मारपीट पर उन्होंने कहा, " घरेलू मैटर है सभी घरों में होते हैं. बड़े घरों के मैटर बाहर नहीं जाते हैं, लेकिन छोटे घर का मैटर बवंडर होता है, आपने कभी लालू जी या नीतीश जी से पूछा कि उनके बेटे क्यों रूठ जाते हैं, छोटे लोगों को सभी पूछते हैं बड़े घरों में कुछ भी हो जाये उसको पूछने वाला कोई नहीं होता. हमलोग अत्यंत पिछड़ा से आते हैं इसलिए कोई बात हवा बन जाती है कि हमने अपनी पत्नी को पीटा, घरेलू मैटर है. खाने पीने को लेकर भी नोक झोंक हो जाता है, इसमें मूड की क्या बात है."
अवधेश ने कहा, " मेरी लालू जी के बड़े बेटे से कोई बातचीत नहीं है. तेजस्वी अच्छे हैं अच्छा काम करते हैं, मैं जिस दल से हूं उसको मुख्यमंत्री बनाना चाहूंगा. तेजस्वी यादव को हम सभी मिलकर मुख्यमंत्री बनाएंगे. उसका अपना है वो जीतेगी जो चाहे करेगी. मैं जीतकर आऊंगा तो मैं तो अपनी पार्टी के विषय में सोचूंगा. जहां तक बाहुबली छवि की बात है कौन बाहुबली नहीं है? सभी राजनीति में आकर समाज सेवा में जुट जाते हैं और मैं भी 2000 से समाज सेवा कर रहा हूँ, उसके बाद क्या मेरे ऊपर कोई मामला सामने आया क्या? आप हमसे पूछ रहे हैं पप्पू यादव क्या थे और आज क्या है आज सभी मीडिया उनके पीछे दौड़ रही है."
उन्होंने कहा, " मैं जीतकर समाजसेवा करूंगा जो भी आरोप लगे थे वो सभी खत्म हो चुके हैं. मैं सजावार नहीं हूं और आगे हम ऐसा कुछ कर भी नहीं कर रहे हैं कि आरोप लगे. मैं 20 साल से कुछ नहीं कर रहा हूं, अगर कोई मेरे घर लड़ने आएगा तो क्या मैं उसे छोड़ दूंगा. मैं किसी के घर पर नहीं जा रहे लूटने के लिए अगर कोई मेरे गाँव घर को उजाड़ने आता है तो मैं उसे छोडूंगा भी नहीं."
अवधेश मंडल ने कहा, " पहले तो जंगलराज था, अब महाजंगल राज हो गया है. पहले देहातों में मर्डर होते थे और अब शहरों में होते हैं."
वहीं बीमा भारती ने कहा, " जहां तक लालू जी के रिजीम की बात है और अभी की बात है. तो पहले से काफी अच्छा हुआ है. बिहार में लोग चैन से स्वतंत्र रहते हैं और ऐसा नहीं है कि अपराध बढ़ा है. अपराध पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार में पहले की अपेक्षा बहुत अच्छा हुआ है."