Bihar Politics: ...तो बिहार में सरकार को शुरू कर देनी चाहिए शराब? पशुपति कुमार पारस के बयान के मायने समझिए
Bihar News: केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए हाजीपुर सदर अस्पताल पहुंचे थे. यहीं मीडिया से बातचीत में उन्होंने बयान दिया है.
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हाजीपुर: बिहार में होली से पहले शराब को शुरू करने की मांग की गई है. केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) ने मंगलवार को यह बयान दिया है. केंद्रीय मंत्री और सांसद पशुपति कुमार पारस हाजीपुर के सदर अस्पताल में एक सरकारी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचे थे. इसी दौरान मीडिया से बातचीत में उन्होंने यह बयान दिया है.
'बिहार के थानों से शराब की बिक्री'
पशुपति पारस ने कहा कि ताड़ी उतारना और बेचना उन लोगों का मौलिक अधिकार है. सरकार इसे अपराध की श्रेणी में न रखे और फ्री कर दे. ताड़ी पर प्रतिबंध लगाने के बाद से गरीब परिवार के बच्चों में पढ़ाई-लिखाई की कमी आ गई है. बिहार में शराबबंदी पूरे तरीके से फेल है.बिहार के थानों से शराब की बिक्री की जा रही है. इस सवाल पर कि होली के समय आप इस तरह का बयान दे रहे हैं इसका क्या असर होगा इसका जवाब देते हुए पशुपति कुमार पारस ने उक्त बातें कहीं.
इस दौरान आगे अपने बयान में पशुपति कुमार पारस ने कहा कि बिहार में शराबबंदी है तो शराब आ कहां से रही है? पुलिस प्रशासन शराबबंदी में लगे हुए हैं. 1000 बोतल शराब पकड़ते हैं तो 500 बोतल दिखाते हैं और 500 बोतल बेच देते हैं.
तमिलनाडु की घटना पर भी दिया जवाब
तमिलनाडु की कथित हिंसा मामले पर पशुपति पारस ने कहा कि जो भी हुआ गलत हुआ है और वहां की सरकार मान नहीं रही है. बिहार सरकार जल्द से जल्द सभी बिहारी मजदूरों को सुरक्षित अपने राज्य बुलाए. बिहार से भी दो आईपीएस अधिकारी गए हैं इस मामले की जांच के लिए. रिपोर्ट आने के बाद इसकी सच्चाई सामने आएगी. यह भी कहा कि वह तमिलनाडु नहीं गए हैं लेकिन अगर घटना सही है तो गलत हुआ है. भारत में संविधान है और सबका अपना मौलिक अधिकार है कि देश में कहीं भी किसी भी जगह कोई जा सकता है. नौकरी कर सकता है.
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