पटना: सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) इन दिनों केंद्र की राजनीति को लेकर काफी सुर्खियों में हैं. कुछ दिन पहले उन्होंने दिल्ली में कांग्रेस (Congress) के सभी आला नेतृत्व से मुलाकात की थी. वहीं, कांग्रेस महासचिव हरीश रावत (Harish Rawat) ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनकी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से राजनीतिक बातचीत हुई लेकिन उन्होंने इस पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि उन्हें पार्टी हाईकमान द्वारा किसी खास मिशन पर पटना भेजा गया था. कांग्रेस महासचिव ने बुधवार शाम कुमार से हुई अपनी मुलाकात का सोशल मीडिया पर फोटो भी साझा किया और लिखा कि 2024 में विपक्ष की एकता की बुलंद आवाज नीतीश कुमार. वहीं, इस मुलाकात को दिल्ली बैठक की अगली कड़ी माना जा रहा है. इस मुलाकात के बाद बीजेपी की बेचैनी बढ़ गई है.
नीतीश कुमार उनके पुराने दोस्त हैं- रावत
हांलांकि, मुलाकात के बारे में पूछे जाने पर रावत ने कहा कि नीतीश कुमार उनके पुराने दोस्त हैं और वह पटना उनके अच्छे कामों की सराहना करने के लिए गए थे उन्होंने कहा कि वह हमारे पुराने दोस्त हैं. वह अच्छा काम कर रहे हैं और अच्छे काम को नमस्कार करना सबका दायित्व होता है.रावत ने माना कि दोनों नेताओं के बीच राजनीतिक चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि हम कोई संत तो हैं नहीं, जब राजनीतिक लोग मिलते हैं तो राजनीतिक बात तो होती ही है.
लोकसभा चुनाव को लेकर ये अहम मुलाकात
यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी हाईकमान ने उन्हें पटना किसी खास मिशन पर भेजा था. उन्होंने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. दोनों नेताओं के बीच काफी देर चली इस मुलाकात को राहुल गांधी और कुमार की हाल में हुई बैठक की अगली कड़ी माना जा रहा है. रावत के करीबियों ने कहा कि यह मुलाकात आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारी के मद्देनजर विपक्षी एकता को मजबूती देने के लिए की गई है.
दिल्ली दौरे पर गए थे नीतीश कुमार
बता दें कि कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली दौरे पर गए हुए थे. नीतीश कुमार ने कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के घर जाकर उनसे मुलाकात की. इस दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी मौजूद रहे. वहीं, खरगे ने कहा था कि हमें विपक्ष को एकजुट करके लड़ना है. हम सभी विपक्ष को एकजुट करने की दिशा में काम कर रहे हैं.
नीतीश की सक्रियता से बीजेपी परेशान
वहीं, लोकसभा चुनाव को लेकर लगभग सभी दलों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्षी दलों को एकजुट करने की कवायद में जुटे हैं. इस दौरान मुख्यमंत्री की कांग्रेस के अलावा कई अन्य दलों के नेताओं के साथ बैठक भी हो चुकी है. इधर, भारतीय जनता पार्टी की नजर विपक्षी दलों की एकजुटता और छोटे दलों पर है. अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए बिहार में बीजेपी पहले से ही तैयारी शुरू कर चुकी है, लेकिन नीतीश कुमार की सक्रियता के बाद बीजेपी ने भी अपनी गति और तेज कर दी है.