नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने बढ़ा दी टेंशन! सियासी मुलाकात या कुछ और? आ गया BJP का बयान
Bihar Politics: मंगलवार को तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री सचिवालय पहुंचे थे और उन्होंने नीतीश कुमार से मुलाकात की थी. दोनों नेता करीब 10 मिनट मिले होंगे. जानिए बीजेपी कैसे देख रही.
Bihar Politics: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) की बीते मंगलवार (03 सितंबर) को हुई 10 मिनट की मुलाकात से सियासी पारा बढ़ गया है. कई तरह की चर्चाओं के साथ अटकलों का बाजार गर्म हो गया है. इसे अलग-अलग एंगल से देखा जा रहा है. अब इस पर सरकार में सहयोगी दल बीजेपी की ओर से भी बयान आ गया है. डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने इस पर प्रतिक्रिया दी है.
बीजेपी का कहना है कि यह एक संवैधानिक मुलाकात है. तेजस्वी यादव नेता प्रतिपक्ष हैं और सरकार की ओर से जो कुछ निर्णय लिए जाते हैं उसमें नेता प्रतिपक्ष की भी भूमिका होती है. इसको राजनीतिक रूप में नहीं देखना चाहिए. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि बिहार में सूचना आयुक्त की नियुक्ति होनी है. इसके लिए नेता प्रतिपक्ष की भी सहमति ली जाती है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सबको सम्मान देते हैं. उनके नेतृत्व की यही खासियत है कि वह सबको सम्मान देते हैं.
'यह सब काम करने का संवैधानिक तरीका'
सूचना आयुक्त की नियुक्ति को लेकर दिलीप जायसवाल ने कहा कि इस बैठक में तो नेता प्रतिपक्ष को बुलाया ही जाता है और उनको बुलाया गया. उनसे चर्चा की गई. आपस में तो दोनों नेता मिले भी नहीं हैं फिर मीडिया में क्यों चर्चा हो रही है? उन्होंने कहा कि यह सब काम करने का संवैधानिक तरीका है जिसमें नेता प्रतिपक्ष की जहां-जहां जरूरत होती है वहां-वहां उनको बुलाकर उनसे काम लिया जाता है.
सम्राट चौधरी ने कहा- 'अच्छी परंपरा है...'
वहीं उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने इस मुलाकात को सही ठहराया है. सम्राट चौधरी ने कहा, "स्वाभाविक है जाना ही चाहिए. सूचना आयुक्त की नियुक्ति के लिए बैठक थी तो नेता प्रतिपक्ष को जाना ही चाहिए. अच्छी परंपरा है. जब विजय सिन्हा जी विरोधी दल के नेता थे तो वह भी सरकार की बैठक में गए थे. आज भी विरोधी दल के नेता गए हैं तो जाना चाहिए. इसमें कोई बात नहीं है."
बता दें कि बीते मंगलवार को तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री सचिवालय पहुंचे थे और उन्होंने नीतीश कुमार से मुलाकात की थी. दोनों नेता करीब 10 मिनट मिले होंगे. सूचना आयुक्त की नियुक्ति को लेकर यह मुलाकात हुई हो लेकिन कई तरह की चर्चा होने लगी है कि आठ महीने बाद चाचा-भतीजा फिर एक साथ मिले हैं तो क्या बिहार में फिर कुछ नया होने वाला है? हालांकि जितनी मुंह उतनी बातें हो रही हैं.
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