Bihar News: अब मास्टर साहब देर से नहीं जाएंगे विद्यालय, नीतीश सरकार स्कूल के पास देगी आवास, जानें पूरा प्लान
Bihar Teacher Accommodation: हर साल शिक्षकों के वेतन पर 33 हजार करोड़ शिक्षा विभाग खर्च करता है. इसमें 8% यानी लगभग 2500 करोड़ आवास के लिए खर्च किए जाते हैं.
पटना: बिहार लोक सेवा आयोग की ओर से हाल ही में एक लाख 22 हजार शिक्षकों का रिजल्ट दिया गया है. जल्द ही पास हुए सभी शिक्षक पढ़ाने के लिए स्कूल भी जाने लगेंगे. अब नीतीश सरकार (Nitish Government) ने उन शिक्षकों के अलावा पहले से कार्यरत करीब चार लाख शिक्षकों को आवास देने का निर्णय लिया है. स्कूल के पास में ही रहने की व्यवस्था की जाएगी ताकि विद्यालय पहुंचने में लेट न हो. रविवार (29 अक्टूबर) को विज्ञापन जारी कर विभाग ने मकान मालिकों और रियल एस्टेट कंपनियों से चार नवंबर तक विभागीय वेबसाइट पर प्रस्ताव मांगा है.
जानकारी के अनुसार, शिक्षकों के आवास के लिए बिहार सरकार जिला, अनुमंडल, प्रखंड और पंचायत के गांव तक मकान को किराए पर लेगी. इसके साथ ही रियल एस्टेट कंपनी अगर मकान बनाकर देती है तो भी सरकार लेगी. शिक्षा विभाग ने इच्छुक मकान मालिकों एवं रियल एस्टेट कंपनियों से पूछा है कि कितने फ्लैट और मकान तत्काल उपलब्ध करा सकते हैं. यह भी पूछा है कि कितने अगले एक दो सालों में अतिरिक्त बनवा सकते हैं. इसकी सूची वेबसाइट पर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है.
जो पहले से बने हैं उसे तुरंत ले सकता है विभाग
मकान और बहू मंजिला इमारत के मालिकों से प्रस्ताव मांगा गया है कि वह कितने मकान किस जिले में, किस प्रखंड और ग्राम पंचायत में उपलब्ध करा सकते हैं जो पहले से बने हुए हैं. शिक्षा विभाग उसे किराए पर तुरंत ले सकता है. वहीं रियल एस्टेट कंपनियों या अन्य इच्छुक जमीन मालिकों से जिला, अनुमंडल और प्रखंड मुख्यालय में बहुमंजिला इमारत एवं भवन निर्माण करने के लिए प्रस्ताव मांगा गया है. यहां केवल विभाग के शिक्षक रहेंगे. इन इमारतों को निजी कंपनियां अपने खर्चे पर बनाएंगी. शिक्षा विभाग उन्हें लंबे समय के लिए लीज पर लेगा और हर महीने किराया भुगतान करेगा.
आठ नवंबर को विभाग करेगा बैठक
निदेशक प्रशासन द्वारा विज्ञापन जारी किया गया है. मकान मालिक और रियल एस्टेट कंपनियों की ओर से चार नवंबर तक प्रस्ताव देने के बाद शिक्षा विभाग आठ नवंबर को इनके साथ पटना में बैठक करेगी. बता दें कि हर साल शिक्षकों के वेतन पर 33 हजार करोड़ शिक्षा विभाग खर्च करता है. इसमें 8% यानी लगभग 2500 करोड़ आवास के लिए खर्च किए जाते हैं. आवास भत्ता की कटौती कर यह पैसा लीज पर लिए गए मकान और रियल एस्टेट कंपनियों को दिए जाएंगे.
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