पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दो महीने पहले बिहार में महागठबंधन की सरकार बनाई. सरकार बनने के बाद 16 सितंबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आरा में एक बयान दिया कि जिस प्रकार बिहार के हर जिले में इंजीनियरिंग कॉलेज खुल रहा है वैसे ही हर जिले में मेडिकल कॉलेज भी खुलेगा. इस बयान के बाद कई सवाल उठ रहे हैं. सबसे बड़ा सवाल है कि क्या नीतीश कुमार का ये सपना सच हो पाएगा? क्या राज्य सरकार की ओर से बिहार के हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोल पाना संभव है? ऐसे सवालों और बिहार के मेडिकल कॉलेज के बारे में एबीपी न्यूज ने पड़ताल की. पता चला कि नीतीश के 17 साल के कार्यकाल में यानी अब तक सिर्फ तीन ही मेडिकल कॉलेज बने हैं.
दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार सरकार के खर्चे से 2027 तक 13 नए मेडिकल कॉलेज बनाने का दावा कर रहे हैं. देश में 595 मेडिकल कॉलेज हैं जिनमें 271 सरकारी मेडिकल और 324 प्राइवेट मेडिकल कॉलेज हैं. इसके अलावा देश में 19 अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) है. इसमें पटना का एम्स भी शामिल है.
बिहार में कुल 18 मेडिकल कॉलेज
सिर्फ बिहार की बात करें तो 13 करोड़ की आबादी वाले इस राज्य में मात्र 18 मेडिकल कॉलेज हैं. 11 सरकारी और सात प्राइवेट मेडिकल कॉलेज. 11 सरकारी मेडिकल कॉलेज में एक मेडिकल कॉलेज अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) है जो भारत सरकार का है. तीन जनवरी 2004 में उस वक्त के उपराष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत ने शिलान्यास किया था और 2012 में पटना एम्स पूरी तरह तैयार हो चुका था.
एम्स के अलावा ये हैं 10 सरकारी मेडिकल कॉलेज
- पटना मेडिकल कॉलेज, पटना
- नालंदा मेडिकल कॉलेज, पटना
- इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान, पटना
- दरभंगा मेडिकल कॉलेज, दरभंगा
- श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज, मुजफ्फरपुर
- जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, भागलपुर
- अनुग्रह नारायण मेडिकल कॉलेज, गया
2005 के बाद नीतीश सरकार में बने ये तीन कॉलेज
साल 2005 के बाद नीतीश सरकार के 17 साल के शासनकाल में तीन मेडिकल कॉलेज बनाए गए. ये तीनों मेडिकल कॉलेज आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी के अंतर्गत है.
- वर्धमान इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, पावापुरी, नालंदा
- गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, बेतिया
- जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, मधेपुरा
पटना के दो और दरभंगा का एक मेडिकल कॉलेज अंग्रेजों के समय का ही बना है. वहीं गया, भागलपुर, मुजफ्फरपुर का मेडिकल कॉलेज कांग्रेस के शासनकाल में 1960 से 70 के दशक में बना. इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान शेखपुरा पटना की बात करें तो इसकी स्थापना 1983 में हुई.
बेतिया का मेडिकल कॉलेज 2013 में बनकर तैयार हुआ. नालंदा के पावापुरी का मेडिकल कॉलेज 2016 में बना. मधेपुरा में 2020 में मेडिकल कॉलेज बनकर तैयार हुआ. अब यह देखना होगा कि नीतीश कुमार अपने किए गए दावों पर कितना खड़ा उतर पाते हैं. 17 साल में अगर राज्य सरकार ने तीन मेडिकल कॉलेज खोले हैं तो बाकी जिलों में कितने वर्षों में यह पूरा हो पाएगा इस पर लोगों की नजरें टिकी हैं.
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