(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Nitish Kumar Cabinet: नीतीश कैबिनेट का फैसला, शिक्षक बनने के लिए बिहारी होना जरूरी नहीं, नियमावली में बड़ा बदलाव
Bihar Sikshak Bahali 2023: एक तरफ बिहार के शिक्षक संघ और 2019 के शिक्षक अभ्यर्थी नई शिक्षक बहाली नियमावली का विरोध कर रहे हैं तो अब सरकार ने नया नियम निकाला है.
पटना: बिहार में शिक्षक नियुक्ति की नियमावली में बड़ा बदलाव किया गया है. मंगलवार (27 जून) को हुई कैबिनेट की बैठक में संशोधन करते हुए कहा गया है कि अब शिक्षक बनने के लिए बिहार का स्थायी होना जरूरी नहीं है. पहले भर्ती के लिए बिहार का स्थानी होना जरूरी था. नई शिक्षक बहाली नियमावली के तहत बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा बीते 15 जून से आवेदन की प्रक्रिया भी शुरू है. 12 जुलाई तक अंतिम तिथि है.
एक तरफ पहले से ही बिहार के शिक्षक संघ और 2019 के शिक्षक अभ्यर्थी नई शिक्षक बहाली नियमावली का विरोध कर रहे हैं तो अब राज्य सरकार ने नया नियम निकाल दिया है. कैबिनेट की बैठक में आज लिए गए इस निर्णय में यह साफ हो गया कि विद्यालय अध्यापक के पद पर नियुक्ति के लिए बिहार का स्थायी निवासी होने की अनिवार्यता नहीं रहेगी. बिहार के बाहर के अभ्यर्थी भी शिक्षक बहाली में आवेदन कर सकते हैं. उनके लिए किसी प्रकार की शर्त नहीं है.
1 लाख 70 हजार 461 पदों के लिए है नियुक्ति
बता दें कि बिहार में नई शिक्षक बहाली के तहत 1 लाख 70 हजार 461 पदों पर बहाली होनी है. इसकी अधिसूचना जारी हो चुकी है और नियुक्ति की प्रक्रिया भी शुरू है. 15 जून से 12 जुलाई तक आवेदन भरने की तिथि है. अगस्त के अंत में परीक्षा लेने का समय निर्धारित किया गया है. बिहार लोक सेवा आयोग ने इसी साल रिजल्ट भी जारी करने का वादा किया है.
'हकमारी का काम किया गया'
बिहार सरकार के इस निर्णय से प्रदेश के शिक्षक अभ्यर्थी नाराज दिख रहे हैं. छात्र संघ के नेता दिलीप कुमार ने बताया कि यह निर्णय बिहार सरकार का बहुत गलत है. बिहार के अभ्यर्थियों के लिए हकमारी का काम किया गया है. किसी भी राज्य में जो आरक्षण होता है वह उस राज्य के मूल निवासी का होता है. बिहार सरकार 35% आरक्षण महिलाओं को दे रही है तो बाहर की महिलाएं भी फॉर्म भरेंगी तो उसे भी आरक्षण मिलेगा.
'जरूरत पड़ी तो होगा उग्र आंदोलन'
इसके साथ ही कई राज्यों में भी राज्य सरकार द्वारा नियुक्ति का विज्ञापन निकलता है तो उस राज्य के अभ्यर्थी को ही फार्म भरने का निर्देश होता है, लेकिन बिहार में इस तरह का किया जाना बिहार के युवाओं के लिए धोखा होगा. दिलीप कुमार ने कहा कि हम अभ्यर्थियों से बात कर रहे हैं. जरूरत पड़ी तो इस पर उग्र आंदोलन भी हम लोग करेंगे.
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