भागलपुर: बिहार में नई सरकार बन गई और मंत्रियों के बीच विभागों का भी बंटवारा हो गया है. धीरे-धीरे नीतीश सरकार (Nitish Government) के दागी मंत्रियों के नाम सामने आने लगे हैं. नए कृषि मंत्री सुधाकर सिंह (Sudhakar Singh) पर बिहार सरकार (Bihar Government) का ही 76 करोड़ रुपया बकाया है. उन पर चावल गबन का आरोप है. इस मामले में साल 2013 में रामगढ़ थाने में गबन को लेकर एसएफसी की ओर से प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी.


अलग-अलग थानों में दर्ज हैं मामले


दरअसल, सुधाकर सिंह आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे हैं. उन पर उक्त मामलों को लेकर रामगढ़ थाने में दर्ज कांड संख्या 184/13 है. बताया जाता है कि रामगढ़ सुधाकर सिंह द्वारा धान मिलिंग के लिए जिस मिल को रजिस्टर्ड कराया गया था उसमें सोन वैली राइस मिल और सुधाकर राइस मिल शामिल है. एसएफसी के कैमूर डीएम के अनुसार, सत्र 11-12 में कुल 68 प्राथमिकी चावल घोटाले को लेकर जिले के विभिन्न थानों में अलग-अलग लोगों पर दर्ज कराया गया था. इसमें सरकार का लगभग 76 करोड़ रुपया बकाया है.


यह भी पढ़ें- Prashant Kishor on Jobs: 'एक-दो साल में 5-10 लाख नौकरी भी मिल जाए तो मैं...', नीतीश सरकार पर PK का हमला


दस्तावेज में लिखी गई कई बातें


एसएफसी कैमूर से मिले दस्तावेज के मुताबिक सुधाकर राइस मिल सहूका में 365.30 मीट्रिक टन सीएमआर बकाया था, जिसकी कीमत 69 लाख 52 हजार 133 रुपया थी जिसमें विभाग द्वारा 10 लाख 50 हजार रुपये का रिकवरी किया गया और अभी भी उनके ऊपर 59 लाख 02 हजार 133 रुपये का सरकार का बकाया है. इसको लेकर एसएफसी द्वारा 35/2012-13 में नीलाम वाद दायर किया गया था. इसके बाद रामगढ़ थाने में 184/13 कांड संख्या दर्ज किया गया.


इसी तरह उनके द्वारा दूसरा फार्म रजिस्टर्ड कराया गया जो सोन वैली राइस मिल सहूका के नाम से था. इसमें सीएमआर 2424.91 मीट्रिक टन लौटाना था जिसकी कीमत चार करोड़ 61 लाख 49 हजार 132 रुपये था. इसमें प्रशासन की ओर से 50 लाख 50 हजार रुपये ही रिकवर हो सका. इसमें भी सरकार का सुधाकर सिंह के सोन वैली राइस मिल सहूका के ऊपर चार करोड़ 10 लाख 99 हजार 132 बकाया है जिसको लेकर 36/2012-13 में नीलाम पत्र वाद किया गया था. रामगढ़ थाने में 184/13 कांड दर्ज किया गया था.


यह भी पढ़ें- बिहार में 8 महीने से चल रहा था फर्जी थाना लेकिन पुलिस को नहीं लगी भनक, कॉन्स्टेबल से लेकर दारोगा तक थे तैनात