पटना: बिहार सरकार में मंत्री और यूपी जेडीयू के प्रभारी श्रवण कुमार के इस बयान पर कि यूपी के कई इलाकों से नीतीश कुमार के चुनाव लड़ने की मांग हो रही है इस पर बीजेपी ने तंज कसा है. बीजेपी के प्रवक्ता निखिल आनंद (Nikhil Anand) ने बुधवार (2 अगस्त) को कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) इन दिनों जेडीयू की तरफ से भाईचारा यात्रा निकालकर कुछ खास लोगों को खास राजनीतिक संदेश देना चाहते हैं. अब तो वो चाहें तो पाकिस्तान से भी चुनाव लड़ सकते हैं.
निखिल आनंद ने कहा कि नीतीश कुमार चुनाव लड़ने से डरते हैं. 1977 में जब जनता पार्टी के आंदोलन में जितने लोग सक्रिय रहे सभी ने चुनाव जीता. नीतीश कुमार चुनाव हार गए. 1980 में चुनाव हार गए. 1985 में वो पहली बार चुनाव जीते. 2005 में जब वो भारतीय जनता पार्टी के कंधे पर बैठकर मुख्यमंत्री बने तब से उन्होंने कोई विधानसभा या लोकसभा का नहीं लड़ा. और अब तो लालू प्रसाद यादव की गोद में बैठ गए हैं. इन दिनों लालू की गोद में बैठकर नीतीश कुमार प्रधानमंत्री का सपना देखने देख रहे हैं. अब चाहे वो बिहार से लालू यादव की गोद में बैठकर चुनाव लड़ें या अखिलेश यादव के कंधे पर बैठकर यूपी से चुनाव लड़ लें क्या फर्क पड़ता है.
'महागठबंधन में नीतीश की पूछ नहीं'
नीतीश कुमार पर हमला करते हुए बीजेपी नेता ने कहा कि पटना में विपक्षी एकता की बैठक सीएम ने ही बुलाई थी. अब बैठक जब बेंगलुरु पहुंची तो उनकी पूछ खत्म हो गई. अब लगता है मुंबई में बैठक होते-होते नीतीश कुमार की उस गठबंधन से विदाई भी हो जाएगी. महागठबंधन में अब तो उनको कोई पूछ भी नहीं रहा है.
निखिल आनंद ने कहा कि नीतीश कुमार जी अपनी डफली अपना राग जप रहे हैं. उनके कार्यकर्ता नीतीश कुमार प्रधानमंत्री होंगे ये नारा लगा रहे हैं. यह तो देखने वाली बात होगी कि नीतीश कुमार प्रधानमंत्री बनने के फेर में बिहार को किस रसातल के गर्त में डुबाते हैं. मुख्यमंत्री हैं और गृह मंत्री का पद भी रखे हैं. बिहार में हत्याओं का सिलसिला जारी है. अपराध चरम पर है. कानून व्यवस्था ध्वस्त है. पुलिस-प्रशासन पर पकड़ नीतीश कुमार के हाथों से फिसल गई है.
निखिल आनंद ने कहा कि आम जनता तबाह है. ब्लॉक, थाने, जिले, अनुमंडल कार्यालय में बिना घूस के एक काम नहीं होता है. खनन माफिया, शराब माफिया, संगठित आपराधिक गिरोह बिहार में पूरी तरह से आतंक मचाए हुए हैं और नीतीश कुमार प्रधानमंत्री बनने के सपने में व्यस्त हैं.
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