पटना: तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के करीबी मंत्री आलोक मेहता (Alok Mehta) को बड़ा झटका लगा है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में हुए तबादले को निरस्त कर दिया गया है. 30 जून को कई सीओ, बंदोबस्त पदाधिकारी, चकबंदी पदाधिकारी का तबादला हुआ था, उस आदेश को मंगलवार को निरस्त कर दिया गया है. करीब 480 अधिकारियों का तबादला हुआ था, जिसको रद्द कर दिया गया है. सरकार ने यह फैसल लिया है. संयुक्त सचिव के नाम से आदेश जारी हुआ है. वहीं, इस पर भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी (Ashok Choudhary) ने कहा कि जून में आलोक मेहता बीमार हो गए थे, जिससे बहुत से नियमों का पालन नहीं हो सका था. पारदर्शिता के लिए ऐसा फैसला लिया गया है.
एनडीए सरकार में भी तबादले को किया गया था रद्द
इस मामले को लेकर ऐसी संभावना जताई जा रही है कि तबादले में अनियमितता बरती गई है. बता दें एनडीए सरकार में यह विभाग बीजेपी के पास था तब राम सूरत राय मंत्री थे और तबादले का आदेश दिया था, जिसको नीतीश ने रद्द कर दिया था. पिछली सरकार में भी इस विभाग में हुए तबादलों को रद्द किया गया था.
जेडीयू ने दी प्रतिक्रिया
अशोक चौधरी ने कहा कि इस मुद्दे पर सवाल उठना उचित है. मंत्री आलोक मेहता जून के अंतिम सप्ताह में वो लंबे समय के लिए बीमार हो गए थे. इस वजह से बहुत से पॉलिसी में पारदर्शिता नहीं हो पाई है. इसको लेकर मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि सभी बातों को ध्यान में रखते हुए पारदर्शिता के साथ इसको तैयार कीजिए. आलोक मेहता के व्यक्तित्व पर कोई सवाल नहीं उठा सकता है. पारदर्शिता के साथ ट्रांसफर पोस्टिंग का नया लिस्ट बनाने का सीएम ने निर्देश दिया है. यह कोई बड़ा मुद्दा नहीं है. आलोक मेहता जल्द इसे कर लेंगे.