पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने बुधवार को बिहार विधानसभा (Bihar Legislative Assembly) में अपने चेंबर में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कहा था कि अब तक वह राज्यसभा के सदस्य नहीं बने हैं. मुख्यमंत्री का ये कहना था कि सूबे में सियासी बवाल मच गया. कयासों का एक दौर निकल पड़ा है. सभी जुबान पर एक ही चर्चा कि क्या नीतीश कुमार बिहार में गद्दी छोड़कर दिल्ली चले जाएंगे? इसी मुद्दे पर एबीपी ने गुरुवार को जेडीयू (JDU) समेत तमाम पार्टी के नेताओं से बात की और उनकी राय ली.


राजनीति में कुछ भी संभव


जेडीयू प्रवक्ता माधव आनंद (Madhav Anand) ने कहा कि बतौर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार में बेहतरीन काम कर रहे हैं. बिहार के हर क्षेत्र में विकास किया है. पूर्व की सरकारों ने बिहार का बंटाधार कर दिया था. नीतीश ने बिहार को हर क्षेत्र में मजबूत बनाया. अभी मुख्यमंत्री हैं. सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री हैं लेकिन भविष्य में वो क्या करेंगे ये कोई नहीं जानता. राजनीति में कल क्या हो जाएगा कोई कुछ नहीं कह सकता.


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बिहार छोड़कर भाग नहीं सकते नीतीश


इधर, सीपीआई-एमएल (CPI-ML) विधायक दल के नेता महबूब आलम (Mahboob Alam) ने कहा कि नीतीश कुमार बिहार छोड़कर दिल्ली भागने की तैयारी में हैं. लेकिन हम लोग उन्हें दिल्ली भागने नहीं देंगे. वो मुख्यमंत्री हैं. बिहार में जो गड़बड़ी है, उसको ठीक उनको करना होगा. बतौर मुख्यमंत्री वे हर मोर्चे पर फेल साबित हो रहे हैं, इसलिए दिल्ली जाना चाहते हैं. बिहार में कानून व्यवस्था चौपट है. बेरोजगारी है. हर क्षेत्र में बिहार पिछड़ा है.


वहीं, बिहार के कृषि मंत्री एवं वरिष्ठ बीजेपी नेता (BJP) अमरेंद्र कुमार (Amrendra Kumar) ने कहा कि नीतीश कुमार ने अनौपचारिक बातचीत में पत्रकारों से क्या कहा मुझे नहीं पता लेकिन मैं तो चाहता हूं कि वह राज्यसभा नहीं जाएं. बिहार में रहें. बिहार के मुख्यमंत्री बने रहें. बिहार को उनकी जरूरत है. बतौर मुख्यमंत्री उन्होंने अच्छा काम किया है. बिहार में रहेंगे तो सूबे का तेजी से विकास होगा.


मुख्यमंत्री के तौर पर फेल हैं नीतीश


जबकि, आरजेडी विधायक मुकेश रोशन ने कहा कि नीतीश कुमार बतौर मुख्यमंत्री हर मोर्चे पर फेल साबित हो रहे हैं. बिहार में आपराधिक घटनाएं बढ़ रही हैं.  बेरोजगारी है. उद्योग धंधे नहीं हैं. भ्रष्टाचार चरम पर है. नीतीश कुमार से बिहार संभाल नहीं रहा, इसलिए वे बिहार से दिल्ली भागना चाहते हैं. बीजेपी भी उन पर दबाव बना रही है. बिहार में बीजेपी अपना मुख्यमंत्री बनाना चाहती है. इसलिए भी नीतीश दिल्ली जाकर राज्यसभा सांसद बनना चाहते हैं. नीतीश से हम लोग यही कहेंगे कि तेजस्वी को मुख्यमंत्री बना दीजिए और बिहार में रह के आराम की करिए.


इधर, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विधायक राजेश राम ने कहा कि हम लोगों को लग रहा है कि नीतीश कुमार बिहार की सियासत से जाना चाहते हैं. बिहार में नहीं रहना चाहते हैं. इसका मुख्य कारण है कि बीजेपी विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी है और बीजेपी उन पर लगातार दबाव बना रही है कि मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ दीजिए. बीजेपी बिहार में अपना मुख्यमंत्री बनाना चाह रही है. अब नीतीश को निर्णय लेना है कि वह बिहार में मुख्यमंत्री रहेंगे या दिल्ली जाकर राज्यसभा सांसद बनेंगे.


वरिष्ठ पत्रकार ने कही बड़ी बात


हालांकि, पूरे मामले पर जब वरिष्ठ पत्रकार कन्हैया भेलारी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने पत्रकारों से विधानसभा में अपने चेंबर में अनौपचारिक बातचीत की. मैं वहीं था. नीतीश ने कहा कि वह बिहार विधानसभा, विधान परिषद, लोकसभा के सदस्य में रह चुके हैं. केंद्र सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. राज्यसभा अब तक नहीं गए हैं. उनकी बातों से लगा कि वो राज्यसभा जाने की इच्छा रखते हैं. हो सकता है कि राज्यसभा जाकर केंद्र सरकार में मंत्री बन जाएं.


कन्हैया ने कहा, " हो सकता है कि नीतीश बिहार में अपनी पार्टी के किसी नेता को मुख्यमंत्री बना दें. यह भी हो सकता है कि बीजेपी से उनकी कोई डील चल रही हो. बीजेपी उनको उपराष्ट्रपति बना सकती है. ऐसी चर्चा भी है. उपराष्ट्रपति बन जाएंगे तो हो सकता है बिहार में बीजेपी का मुख्यमंत्री बन जाए. नीतीश 17 सालों से मुख्यमंत्री हैं. हो सकता है कि अब बिहार से उनका मन भर गया हो इसलिए दिल्ली जाना चाहते हैं." 


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