Bihar Politics: 'बंगले की राजनीति नहीं करते नीतीश', चिराग के आरोप पर JDU का पलटवार, याद दिलाई सालों पुरानी बात
अजय ने कहा कि सहानुभूति पाने के लिए चिराग अनापशनाप बयानबाजी न करें. वह रामविलास पासवान का बंगला था. उनके निधन के बाद छह महीने के अंदर चिराग को उसको खाली करना करना था. लेकिन चिराग ऐसा नहीं किया.

पटना: जमुई सांसद चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने रविवार को एबीपी से बातचीत के दौरान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर बड़ा आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने ही उनका दिल्ली वाला बंगला खाली कराने की साजिश की है. अब चिराग के इस आरोप पर जेडीयू (JDU) ने पलटवार किया है. जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉक्टर अजय आलोक (Ajay Alok) ने कहा कि 12 जनपथ वाला बंगला नीतीश कुमार के दबाव के कारण खाली नहीं कराया गया है.
नीतीश बंगले की सियासत नहीं करते
पार्टी प्रवक्ता ने कहा, " नीतीश बंगले की सियासत नहीं करते हैं. जब नीतीश मुख्यमंत्री बने थे तो लालू-राबड़ी मुख्यमंत्री आवास में सात महीने तक रहे थे. खाली नहीं कर रहे थे न नीतीश ने खाली करने को कहा था. चिराग का दिल्ली वाला बंगला केंद्र सरकार ने खाली कराया है, इसमें जेडीयू की कोई भूमिका नहीं है.
सहानुभूति पाने के लिए ना करें बयानबाजी
अजय ने कहा कि सहानुभूति पाने के लिए चिराग अनापशनाप बयानबाजी न करें. वह रामविलास पासवान का बंगला था. उनके निधन के बाद छह महीने के अंदर चिराग को उसको खाली करना करना था. लेकिन चिराग ऐसा नहीं किया. वे जबरदस्ती वहां रह रहे थे. ऐसे में केंद्र ने जबरन बंगला खाली कराया.
वहीं, चिराग के इस आरोप कि एलजेपी को नीतीश कुमार ने तोड़ा है पर पलटवार को करने हुए पार्टी नेता ने कहा कि चिराग की पार्टी को जेडीयू ने नहीं तोड़ा था. उनके कामकाज के तरीके से उनकी पार्टी के सांसद नाराज थे. पांच सांसद अलग हो गए. चिराग ने तो हमेशा जेडीयू को नुकसान पहुंचाने का काम किया है. 2020 का बिहार विधानसभा चुनाव वे जेडीयू के खिलाफ लड़े. लेकिन तब भी जेडीयू ने कभी भी बदला लेने की कोशिश नहीं की है. जेडीयू के कोई भी नेता चिराग के संपर्क में नहीं हैं.
चिराग पासवान ने कही थी ये बात
बता दें कि दिल्ली में बंगला खाली करने के बाद पटना लौटे चिराग पासवान ने एबीपी से बातचीत के दौरान कहा कि बंगले में रहने का आश्वासन मिलने के बाद हम लोगों को वहां से निकाला गया. इसके पीछे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का हाथ हो सकता है. मेरे चाचा पशुपति पारस (Pashupati Paras) केंद्र सरकार में मंत्री हैं. मेरे पिताजी के निधन के बाद उनकी जगह चाचा पारस को मंत्री बनाया गया. जब जबरदस्ती हम लोगों को घर से बाहर किया जा रहा था जब राम विलास पासवान की तस्वीर बाहर फेंकी जा रही थी तो चाचा पारस शांत थे. साजिश का वह भी हिस्सा हैं."
चिराग ने ये दावा कि नीतीश मेरे विरोधी हैं, लेकिन उनके पार्टी में कई नेता मेरे शुभचिंतक हैं और वो लोग जब चाहें मेरी पार्टी में आ सकते हैं. लेकिन मैं नीतीश की पार्टी को तोड़ना नहीं चाहता.
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