पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाने के बाद से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के नेता संगठन को मजबूत करने में जुटे हैं. पार्टी की नजर राज्य के युवा वोटरों पर है. पार्टी का मानना है कि युवा वोटर्स ने चुनाव में उनका साथ नहीं दिया, जिस वजह से पार्टी 43 सीटों पर सिमट गई. ऐसे में चुनाव के बाद से ही पार्टी नेता युवाओं को टारगेट मानते हुए, उन्हें पार्टी से जोड़ने की कोशिश में लगे हुए हैं.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भी नजर युवा वोटर्स पर है. कई बार उन्हें युवा वोटर्स को लेकर बात करते देखा गया है. इसी क्रम में मंगलवार को उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि पुरानी चीजों को लोग अब भूल रहे हैं. इसलिए पहले से अब में कितना बदलाव हुआ, इसे सोशल मीडिया पर डालना चाहिए. उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को मौलिक चीजों की जानकारी नहीं है. वे सोशल मीडिया पर अनाप शनाप लिखते हैं. इससे नई पीढ़ी के लोगों को गलतफहमी हो रही है. उल्टे-पुल्टे चीज की वजह से वो गलत रास्ते पर चले जाएंगे. उन्हें जानकारी देने की जरूरत है.
10 हजार करोड़ रुपये किए खर्च
नीतीश कुमार ने कहा, " हमने कोरोना से मौत होने पर चार लाख रुपये का मुआवजा दिया. लेकिन कहीं प्रचार नहीं किया. दूसरे राज्य 50 हजार दे रहे तो विज्ञापन छपवा रहे हैं. बिहार के लोगों की अगर बिहार के बाहर भी कोरोना से मृत्यु होती है, तो अब उनके परिजनों को भी चार लाख रुपये मिलेंगे."