पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने विपक्षी एकता की मुहिम चलाई थी. कई दलों को उन्होंने एक मंच पर लाया लेकिन अब वह खुद ही अलग हो गए हैं. इंडिया गठबंधन से ही नहीं बल्कि बिहार में सरकार ही उन्होंने बदल दी. महागठबंधन से अलग हुए और एनडीए के साथ उन्होंने फिर से सरकार बना ली है. अब इंडिया गठबंधन के भविष्य को लेकर सीएम नीतीश कुमार ने बयान दिया है. बुधवार (31 जनवरी) को वे पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे.
पत्रकारों ने नीतीश कुमार से पूछा कि सर अब इंडिया गठबंधन का क्या होगा? इस पर नीतीश कुमार ने कहा कि अब हमको क्या मतलब है? हम तो उन लोगों को नाम भी कोई दूसरा कह रहे थे, लेकिन उन लोगों ने पहले ही तय कर दिया था. बाद में हालत देख न लिए. हम तो बहुत कोशिश कर रहे थे. वो लोग एक भी काम नहीं कर रहा था. आज तक उन्होंने यह तय नहीं किया है कि कौन सी पार्टी कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी. इसके बाद हमने तो छोड़ दिया. छोड़कर जिनके साथ पहले थे उनके साथ आ गए हैं. हम अब सब दिन इधर ही रहेंगे. हम बिहार के विकास के काम में लगे रहते हैं. सबके हित में लगे रहेंगे.
पटना में हुई थी विपक्षी दलों की पहली बैठक
गौरतलब हो कि सीएम नीतीश कुमार ने ही इंडिया गठबंधन में कई दलों को साथ लाया था. पटना में विपक्षी एकता की पहली बैठक हुई थी. इसके बाद बेंगलुरु और मुंबई में भी बैठक हुई. दिल्ली में भी बैठक हुई. नीतीश कुमार ने कई बार यह कहा था कि उनकी कोई व्यक्तिगत इच्छा नहीं है लेकिन ऐसा माना जा रहा था कि वह चाहते थे कि उन्हें पीएम पद का उम्मीदवार बनाया जाए लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मल्लिकार्जुन खरगे का नाम ले लिया जिसके बाद धीरे-धीरे बदलाव की स्थिति दिखने लगी थी.
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