पटना: सात निश्चय- 2 के अंतर्गत बिहार पशु स्वास्थ्य प्रबंधन हेतु आधारभूत व्यवस्थाओं के संबंध में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने समीक्षात्मक बैठक की. अधिकारियों को तेजी से कार्य पूर्ण करने का निर्देश दिया. इस बैठक में प्रत्येक 8-10 पंचायतों पर पशु अस्पताल की स्थापना की योजना बनाई गई है, जिन क्षेत्रों में पशु अस्पतालों की स्थापना नहीं हुई है. वहीं, बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों से कहा कि आवश्यक पशु चिकित्सकों सहित अन्य चिकित्साकर्मियों हेतु पद सृजित कर उनकी शीघ्र बहाली कराएं. टेली मेडिसीन के माध्यम से पशु अस्पतालों को जोड़कर चिकित्सा परामर्श दिए जाने की व्यवस्था शीघ्र शुरू कराएं. कॉल सेंटर एवं मोबाइल एप्प के माध्यम से इन सुविधाओं को लेकर तेजी से काम करें.


'राज्य में किसानों की आमदनी बढ़ी है'


बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य सरकार पशुओं की सभी प्रकार की चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है. पशु अस्पतालों में पशुओं के मुफ्त इलाज के साथ ही उनके लिए मुफ्त दवा की भी व्यवस्था की गई है. उन्होंने कहा कि घोड़परास (नील गाय) के कारण फसलों की क्षति हो रही है. इस समस्या के समाधान के लिये ठोस कार्रवाई करें. वर्ष 2005 में सरकार में आने के बाद से ही हमलोगों ने दुग्ध उत्पादन में वृद्धि को लेकर कई कार्य किए हैं. अब तक तीन कृषि रोड मैप का कार्यान्वयन हो चुका है और चौथे कृषि रोड मैप की शुरुआत की गई है. कृषि रोड मैप के क्रियान्वयन के कारण राज्य में किसानों की आमदनी बढ़ी है. दूध, मांस, मछली और अंडा का उत्पादन बढ़ा है. इसे और बढ़ाने के लिए तेजी से काम करें. 


गायों के नस्ल को बढ़ावा देने की जरूरत है- सीएम


सीएम ने आगे कहा कि डेयरी को-ऑपरेटिव सोसायटी को बढ़ावा देने के लिए सरकार शुरू से ही प्रयासरत है और इसको लेकर हर तरह का सहयोग कर रही है. राज्य के सभी जिलों, प्रखण्डों एवं पंचायतों से लेकर सभी गांवों को डेयरी को-ऑपरेटिव नेटवर्क से जोड़ें ताकि लोगों को रोजगार भी मिले और उनकी आमदनी भी बढ़े. देशी गायों के नस्ल को बढ़ावा देने की जरूरत है, इस पर विशेष ध्यान दें. वहीं, बैठक में पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की प्रधान सचिव डॉ. एन. विजया लक्ष्मी ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से विभाग की अद्यतन कार्य की प्रगति की जानकारी सीएम को दी.


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