बिहार चुनाव: नीतीश का चुनाव अभियान शुरू, NDA और लालू-राबड़ी के डेढ़ दशक के शासनकाल की तुलना की
बिहार में चुनावी बिगुल बच चुका है और सभी राजनीतिक पार्टियों ने इसे लेकर कमर कस ली है. एलजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक में सभी सदस्यों ने नीतीश कुमार के नेतृत्व में पार्टी के चुनाव न लड़ने की बात कही है.
पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान सोमवार से शुरू कर दिया. इस दौरान उन्होंने अपने 15 साल के शासन बनाम लालू-राबड़ी की डेढ़ दशक की सरकार की तुलना की. उन्होंने जेडीयू नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं से मतदाताओं, खासतौर पर नयी पीढ़ी तक पहुंचने और एनडीए-आरजेडी के शासन के बीच अंतर बताने को कहा.
जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने लगातार चौथे कार्यकाल के लिए डिजिटल रैली के माध्यम से प्रचार अभियान की शुरूआत करते हुए 176 मिनट का भाषण दिया और अधिकतर समय पिछले 15 साल में राज्य में किए अपने विकास कार्यों की बात की. उन्होंने जेल में बंद आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद पर भी राजनीतिक और व्यक्तिगत हमलों में कोताही नहीं बरती.
अपने सहयोगी दल LJP की नहीं की चर्चा नीतीश ने राज्य विधानसभा चुनाव में मुख्य प्रतिद्वंद्वी आरजेडी के खिलाफ ‘पति-पत्नी की सरकार’ जैसे जुमलों से हमला किया, वहीं आरजेडी के एक अन्य सहयोगी दल रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी को लेकर कुछ भी नहीं बोला. हालांकि, लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान लगातार उनकी सरकार पर निशाना साध रहे हैं.
राज्यभर में लगाई गयीं विशालकाय टीवी स्क्रीन के माध्यम से पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए नीतीश ने लालू-राबड़ी के शासनकाल को ‘जंगलराज’ पुकारते हुए कहा कि उनके जाने के बाद राज्य के उत्थान के लिए अनेक कदम उठाए गए हैं.
तेज प्रताप की पत्नी का मुद्दा नीतीश कुमार ने आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव से अलग रह रहीं उनकी पत्नी और पूर्व मंत्री चंद्रिका राय की बेटी ऐश्वर्या राय का मुद्दा भी उठाया. तेज प्रताप और ऐश्वर्या के दांपत्य विवाद पर पटना की एक अदालत में मामला विचाराधीन है. नीतीश ने पूर्व केंद्रीय मंत्री रामलखन सिंह यादव के पौत्र जयवर्द्धन यादव के साथ आरजेडी में कथित दुर्व्यवहार का भी जिक्र किया.
चंद्रिका राय और जयवर्द्धन यादव दोनों ही विधायक हैं और हाल ही में राजद छोड़कर जदयू में शामिल हुए हैं. नीतीश कुमार ने डिजिटल रैली को संबोधित करते हुए कहा, "मैं पूछना चाहता हूं कि पूर्व मुख्यमंत्री दरोगा प्रसाद राय के बेटे चंद्रिका राय और उनकी बेटी ऐश्वर्या राय के साथ क्या हुआ. ऐश्वर्या राय के साथ किस तरह का बर्ताव किया गया."
उन्होंने राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद और उनके परिवार को आड़े हाथ लेते हुए कहा, ‘‘वह (ऐश्वर्या) पढ़ी लिखी हैं. लोग शिक्षा की बात करते हैं और देखिए शिक्षित लोगों के साथ क्या हुआ. यह एक परिवार का मामला है, जिस पर मैं कुछ नहीं कहना चाहता.’’
एनडीए का 15 साल का शासनकाल मुख्यमंत्री ने कहा कि एनडीए के 15 साल के शासनकाल में राज्य में हर ओर विकास हुआ है. इस दौरान कानून व्यवस्था, शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, ऊर्जा, कृषि आदि क्षेत्रों में प्रशंसनीय बदलाव हुए हैं. उन्होंने बिहार में शराब पर प्रतिबंध की भी बात की और स्पष्ट किया कि जब तक वह सत्ता में हैं यह पाबंदी रहेगी.
नीतीश ने केंद्र सरकार के 2018 के आंकड़ों का जिक्र किया जिनमें बिहार में कानून व्यवस्था की स्थिति अन्य कई राज्यों से बेहतर बताई गयी है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ताजा रिपोर्ट के अनुसार सभी तरह के अपराध के मामले में बिहार देश में 23वें स्थान पर है, वहीं बलात्कार के मामलों में यह 33वें और महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में 29वें स्थान पर आता है.
ये भी पढ़ें- बिहार चुनाव: पहली वर्चुअल रैली में सीएम नीतीश बोले- कोरोना काल में एक-एक चीज पर किया काम बिहार चुनाव: NDA में पड़ी दरार, LJP में उठी नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव न लड़ने की मांग