VIDEO: 'नीतीश कुमार अगर नेता नहीं तो बिहार में NDA खत्म? उपेंद्र कुशवाहा ने कैमरे पर सब कुछ कह दिया
Bihar Politics: उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि नीतीश कुमार के बिना एनडीए की कल्पना नहीं की जा सकती है. महाराष्ट्र और बिहार दोनों बिल्कुल अलग है. यहां वैसा कुछ नहीं होगा.
पटनाः जिस तरह महाराष्ट्र में खेल हो गया अब क्या अगला नंबर बिहार का है? क्या 2025 तक वाकई नीतीश कुमार (Nitish Kumar) बिहार के मुख्यमंत्री रहेंगे? ऐसे कई सवालों का जवाब देते हुए जेडीयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने कैमरे के सामने सब कुछ कह दिया. शनिवार को वे एबीपी न्यूज से बातचीत कर रहे थे. इस दौरान उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि एनडीए इज नीतीश कुमार एंड नीतीश कुमार इज एनडीए. अगर किसी को गलतफहमी है तो वो निकाल दे.
'नीतीश कुमार के बिना एनडीए की कल्पना नहीं'
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि किसी की कृपा पर जेडीयू की राजनीति आज तक न हुई है और न आगे होगी. हर निर्णय लेने में नीतीश कुमार खुद सक्षम हैं. एनडीए में भी नीतीश कुमार ही निर्णय लेते हैं. किसी के मन में अगर गलतफहमी है तो वह दूर कर ले. बिहार में नीतीश कुमार की लीडरशिप है तो एनडीए है. नीतीश कुमार के बिना एनडीए की कल्पना नहीं की जा सकती है.
सीधी बात… नो 'बकवास'! NDA इज नीतीश कुमार & नीतीश कुमार इज NDA. किसी व्यक्ति के या नेता के मन में गलतफहमी है तो निकाल दे... NDA मतलब नीतीश कुमार. सुनिए क्या कह रहे हैं JDU के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा.Edited by @iajeetkumar pic.twitter.com/HqQ31InUaI
— Prakash Kumar (@kumarprakash4u) July 2, 2022
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एक उदाहरण देते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि बोचहां में जब उप चुनाव हो रहा था तब मैं चुनाव क्षेत्र में गया था. उस समय बीजेपी के कुछ लोग नीतीश कुमार के नेतृत्व को लेकर बयान दे रहे थे. ऐसे में जब मैंने वहां के कार्यकर्ताओं से बात की तो उनका यह कहना था कि ऐसी स्थिति में जेडीयू के लोग कैसे वोट करेंगे? इसलिए, अगर बयानबाजी होती रहेगी तो इसका असर तो लोगों पर होगा ही.
महाराष्ट्र की तरह होगा बिहार में खेल?
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि महाराष्ट्र और बिहार दोनों बिल्कुल अलग है. महाराष्ट्र में जिस धारणा को लेकर बीजेपी चल रही है कमोवेश उसी आइडियोलॉजी पर शिव सेना है. बीजेपी की जो कोशिश है एक धारणा वाली दो पार्टी नहीं रहे तो इस कोशिश के साथ ही महाराष्ट्र में यह हुआ है. बिहार में हम एनडीए के पात्र जरूर हैं लेकिन बीजेपी और जेडीयू की धारणा बिल्कुल अलग है. इसमें हम समझौता कर ही नहीं सकते हैं. यहां उस तरह का काम बीजेपी करना चाहे सवाल ही नहीं उठता.
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