पटना: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने एक बार फिर नौकरी के बदले जमीन घोटाला (Land For Job Scam) के मामले में लालू परिवार (Lalu Family) पर हमला बोला है. साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) पर निशाना साधा है. मंगलवार (09 जनवरी) को सुशील मोदी ने बयान जारी करते हुए सवाल उठाए.


सुशील कुमार मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा के चलते लालू परिवार के भ्रष्टाचार से समझौता कर लिया है, इसलिए वे रेलवे की नौकरी के बदले लोगों की जमीन लिखवाने के मामले में अपने डिप्टी तेजस्वी यादव से अब बिंदुवार जवाब नहीं मांगते. क्या वे केजरीवाल की तरह अपने सहयोगी मंत्री की गिरफ्तारी का इंतजार कर रहे हैं?


'करोड़ों की जमीन हेमा यादव को क्यों दान दी गई?'


नौकरी के बदले जमीन मामले में बीजेपी नेता ने कहा कि लालू परिवार के करीबी अमित कात्याल की गिरफ्तारी के बाद ताजा आरोप-पत्र में तेजस्वी यादव की बहन हेमा यादव और हृदयानंद चौधरी सहित सात नाम शामिल होने से आरोपियों के विरुद्ध कानून का शिकंजा कसता जा रहा है. जांच एजेंसियां जानना चाहती हैं कि लालू के रेल मंत्री रहने के दौरान रेलवे में ग्रुप-डी की नौकरी पाने वाले हृदयानंद चौधरी ने पटना में अपनी करोड़ों की जमीन लालू की बेटी हेमा यादव को क्यों दान कर दी?


'प्रधानमंत्री बनने के सपने ने कराया नीतीश कुमार को चुप'


सुशील मोदी ने कहा कि जिनके पिता ने कुली-चपरासी जैसी मामूली सरकारी नौकरी देने के बदले लोगों की जमीन ले ली, वे क्या बिना कुछ लिए नियुक्ति-पत्र बांट सकते हैं? समय आने पर सच सामने आएगा. आरजेडी के साथ पिछली पारी में नीतीश कुमार ने भ्रष्टाचार के मामले में तेजस्वी का नाम आने पर उनसे अकेले में बात की थी. बिंदुवार जवाब नहीं मिलने पर जुलाई 2017 में स्वयं पद इस्तीफा देकर गठबंधन तोड़ दिया था. छह साल बाद फिर मुख्यमंत्री के सामने वही परिस्थिति है और लोग भी वही हैं, लेकिन इस बार प्रधानमंत्री बनने का सपना उन्हें चुप रहने को विवश कर रहा है.


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