JDU Withdrawn Support to BJP: बिहार में चल रही एनडीए में टकराव की खबर के बीच मंगलवार को मणिपुर में बीजेपी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार से जेडीयू के समर्थन वापस लेने की बात सामने आई है. चर्चा है कि जेडी(यू) के प्रदेश अध्यक्ष के.एस.बीरेन ने मणिपुर के राज्यपाल ला. गणेशन को एक आधिकारिक पत्र सौंप दिया है. मणिपुर में जेडीयू के छह विधायक थे, जिनमें से पांच पहले ही बीजेपी में शामिल हो गए थे और जेडीयू के सिर्फ एक ही विधायक वहां बचे हैं. 


साल 2022 में जेडीयू को लगा था झटका


साल 2022 में नीतीश कुमार की पार्टी के पाला बदलने वाले पांच विधायक केएच जॉयकिशन, एन सनाटे, मोहम्मद अछबुद्दीन, पूर्व पुलिस महानिदेशक एएम खौटे और थंगजाम अरुण कुमार थे. इन पांचों विधायकों ने एन बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली मणिपुर की बीजेपी सरकार को समर्थन दिया था. 


बिहार में सत्ताधारी जेडीयू की मणिपुर इकाई ने अपने पत्र में कहा है, "जनता दल (यूनाइटेड), मणिपुर इकाई मणिपुर में बीजेपी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार का समर्थन नहीं करती है. हमारे एकमात्र विधायक मोहम्मद अब्दुल नासिर को सदन में विपक्षी विधायक माना जाएगा."


जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने क्या कहा?


वहीं अब जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने जारी अपने एक बयान में कहा कि कुछ भ्रामक खबरें जेडीयू मणिपुर इकाई के संदर्भ में आई हैं. यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि मणिपुर जेडीयू अध्यक्ष को उनके पद से अनुशासनहीनता के आरोप में मुक्त किया जा चुका है. मणिपुर में बीजेपी की सरकार को पूर्व की तरह ही जेडीयू का समर्थन जारी रहेगा. न सिर्फ मणिपुर बल्कि बिहार समेत पूरे देश में जेडीयू ने जिस तरह एनडीए की मजबूती के लिए काम किया है, आगे भी उस तरह काम करते रहेंगे. बीजेपी को हमारा समर्थन जारी रहेगा. राजीव रंजन ने साफ किया है कि मणिपुर में जेडीयू ने अपने प्रदेश अध्यक्ष को हटाया है, ना कि समर्थन वापस लिया है. 


बता दें यह बयान जेडीयू की तरफ से तब आया है, जब एक चिट्ठी सामने आई है. मणिपुर जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष के.एस.बीरेन ने मणिपुर के राज्यपाल को चिट्ठी लिखकर सूचित किया है कि जेडीयू की मणिपुर इकाई BJP के नेतृत्व वाली सरकार से समर्थन वापस ले रही है. जदयू के एकलौते विधायक अब्दुल नासिर विपक्ष में बैठेंगे. चिट्ठी सामने आने के बाद से सियासत गरमा गई थी. कई तरह के सवाल उठ रहे थे. इसी बीच आनन-फानन में जेडीयू की ओर से राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने बयान जारी कर यह बातें कही हैं.


बता दें 2022 में मणिपुर में विधानसभा चुनाव हुआ था. तब जेडीयू छह सीट जीती थी. एक सितंबर 2022 को जदयू के छह में से पांच विधायक टूटकर BJP में शामिल हो गए थे. हालांकि एकमात्र विधायक के समर्थन वापस लेने से भी मणिपुर में BJP सरकार को कोई खतरा नहीं है. 60 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के पास फिलहाल 37 विधायक हैं. इसे नगा पीपुल्स फ्रंट के पांच विधायकों और तीन निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है.


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