Lok Sabha Elections 2024: नीतीश को अपने ही खेमे में झटका, विपक्ष कैसे होगा एकजुट? संतोष मांझी के इस्तीफे से उठे सवाल
Mahagathbandhan Meeting In Patna: नीतीश कैबिनेट से संतोष मांझी के इस्तीफे को लेकर सियासी हलचल तेज है. सवाल खड़ा होता है कि नीतीश खेमे में इस टूट के बाद विपक्ष एकजुट कैसे होगा?
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पटना: साल 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को घेरने के लिए विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने में बिहार के 'सुशासन बाबू' जुटे हुए हैं. आगामी 23 जून को पटना में महागठबंधन की बैठक होने वाली है. बैठक को लेकर दावा किया जा रहा है कि इसमें तमाम विपक्षी पार्टियां हिस्सा लेंगी और 2024 के चुनाव में बीजेपी को सत्ता से उखाड़ फेंकने की रणनीति तैयार की जाएगी. महागठबंधन की बैठक को लेकर नीतीश कुमार विशेष तौर पर सक्रिय हैं.
बीजेपी को घेरने को लिए महागठबंधन को एकजुट करने की नीतीश कुमार की कोशिशों को मंगलवार को बड़ा झटका लग गया. बिहार सरकार में मंत्री और 'हम' (HAM) के संरक्षक जीतन राम मांझी के बेटे संतोष मांझी ने नीतीश कैबिनटे से इस्तीफा दे दिया. इससे सवाल यह खड़ा होता है कि जहां नीतीश कुमार देश की विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने में जुटे हुए हैं वहीं उन्हीं के खेमे में बड़ी टूट सामने आई है.
संतोष मांझी ने पार्टी के अस्तित्व को बताया खतरा
नीतीश मंत्रीमंडल से अपने इस्तीफे की वजह पर बात करते हुए संतोष मांझी ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने सीएम को अपना इस्तीफा भेज दिया है. उन्होंने कहा कि उनके इस्तीफे की एक ही वजह है. पार्टी का विलय करने के लिए उनके पास प्रस्ताव आया था.
इस बारे में हमने अपने कार्यकर्ताओं, विधायकों और सभी से बात की तो सभी ने विलय करने से मना कर दिया. संतोष मांझी ने कहा कि विलय का प्रस्ताव जेडीयू की तरफ से आया था. हम जेडीयू की भावनाओं का सम्मान करते हैं लेकिन हमारी पार्टी भी कुछ मुद्दों को लेकर बनी है, इसलिए बेहतर था कि हम संघर्ष का रास्ता चुनें, इसलिए हमने विलय करने के प्रस्ता कोव अस्वीकार कर दिया.
इशारों-इशारों में मांझी कह गए थे अपनी बात
पटना में 23 जून को विपक्षी एकता की बैठक में जीतन राम मांझी के शामिल नहीं होने को लेकर पूछे गए सवाल पर जीतन मांझी ने कहा ''हम क्या हैं और लोग क्या समझते हैं उससे मतलब नहीं है. मतलब है कि हमारे नेता नीतीश कुमार हैं और वहीं जब इस बैठक में जा रहे हैं, को-ऑर्डिनेशन कर रहे हैं तो हम नहीं भी रहें तो भी सब कुछ है.'' कितनी सीटों पर लड़ेंगे इस पर जीतन मांझी ने कहा था कि ये सब छोड़िए. हम एक भी सीट पर नहीं लड़ने जा रहे हैं. इस पर जब पत्रकारों ने उनसे पूछा था कि क्या आप सही में बोल रहे हैं तब इस पर जवाब देते हुए मांझी ने हंसते हुए कहा कि आप जो समझ लीजिए. इशारों-इशारों में हंसते हुए मांझी अपनी बात कह गए.
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