बिहार में राजनीतिक सरगर्मी एकबार फिर से बढ़ गई है. जेडीयू के फिर से एनडीए में जाने के कयास पिछले करीब एक सप्ताह से बिहार की सियासत में लगाए जा रहे हैं. इस बीच, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंगलवार (23 जनवरी) को अचानक राजभवन पहुंच गए और राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर से मुलाकात की, जिसे लेकर चर्चा का बाजार और गर्म हो गया. राज्यपाल से मुलाकात के दौरान मंत्री विजय चौधरी भी साथ थे. सूत्रों ने दावा किया कि कई विश्व विद्यालयों में वाइस चांसलर की नियुक्ति के मुद्दे पर बात हुई.


इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने फिर से सियासत में बदलाव के संकेत दिए. उन्होंने कहा कि 'खेला होबे'. एनडीए में शामिल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी ने मंगलवार को प्रदेश में 'खेला होने' के संकेत देते हुए इशारों-इशारों में एक्स पर लिखा, बंगला में कहतें हैं, 'खेला होबे', मगही में कहते हैं, 'खेला होकतो', भोजपुरी में कहते हैं, 'खेला होखी' बाकी तो आप खुद ही समझदार हैं. इससे पहले भी मांझी सियासत में बदलाव के संकेत दे चुके हैं. उन्होंने अपने विधायकों को 25 जनवरी तक पटना में रहने तक के निर्देश दिए हैं.


दूसरी ओर नीतीश कुमार भी एक सरकारी कार्यक्रम में भाग लेने के बाद राजभवन पहुंच गए और राज्यपाल से मुलाकात की. इस दौरान नीतीश करीब 40 मिनट तक राजभवन में रहे. आरजेडी और जेडीयू के नेता इसे मात्र औपचारिक मुलाकात बता रहे हैं. लेकिन, सियासत में कई तरह के कयास लगाए जा रहे.


बता दें कि बिहार में महागठबंधन की सरकार का नेतृत्व नीतीश कुमार कर रहे हैं. महागठबंधन में जेडीयू, कांग्रेस, आरजेडी और लेफ्ट के दल शामिल हैं. ये सभी दल इंडिया गठबंधन का भी हिस्सा हैं. बिहार में लोकसभा की 40 सीटें हैं. कौन किस सीट पर लड़ेगा इसको लेकर गठबंधन में अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है. सीट शेयरिंग में हो रही देरी पर जेडीयू नाराजगी जाहिर कर चुकी है.