नीतीश कुमार... मीटिंग और मायने! 9 महीने बाद क्यों करनी पड़ी NDA की बैठक? समझें 'हिडेन एजेंडा'
Bihar CM Nitish Kumar: 28 अक्टूबर को सीएम नीतीश कुमार ने एनडीए की बैठक की थी. नीतीश कुमार ने यह बैठक एनडीए खेमे में वापस आने के करीब नौ महीने बाद की है.
Nitish Kumar NDA Meeting Agenda: बिहार में अगले महीने (नवंबर 2024) चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाला है. इसके साथ ही 2025 में बिहार विधानसभा का भी चुनाव है. ऐसे में तमाम राजनीतिक दलों की ओर से चुनावी तैयारी शुरू हो गई है. बीजेपी के फायर ब्रांड नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने हिंदुओं को एकजुट करने के लिए यात्रा की तो वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीते सोमवार (28 अक्टूबर) को एनडीए की बड़ी बैठक की है. इसक बैठक को भले सामान्य बताया जा रहा हो लेकिन सियासी गलियारे में इसके कई मायने निकाले जा रहे हैं.
'सांप्रदायिक सद्भाव पर कोई समझौता नहीं': नीतीश कुमार
सबसे पहले यह समझ लें कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह बैठक एनडीए खेमे में वापस आने के करीब नौ महीने बाद की है. एक तरफ बिहार में उपचुनावों है तो वहीं दूसरी ओर अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों की उल्टी गिनती भी शुरू हो जाएगी. इस बैठक में एनडीए के सभी सहयोगियों ने संकल्प लिया कि 2025 का विधानसभा चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ना है. इस बीच सीएम ने जोर देकर कहा, "सांप्रदायिक सद्भाव पर कोई समझौता नहीं होगा", चाहे "मुसलमान गठबंधन को वोट दें या नहीं".
बैठक और सीएम के बयान को कैसे देखते हैं जानकार?
अब इस बैठक को लेकर बिहार में जो भी चर्चाएं हों लेकिन समझिए कि राजनीतिक जानकार इसे कैसे देखते हैं. क्यों नीतीश कुमार ने इस तरीके का संदेश दिया है. वरिष्ठ पत्रकार और बिहार की राजनीति की समझ रखने वाले संतोष कुमार कहते हैं कि इस बैठक से यह तय हो गया है कि 2025 का चुनाव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एनडीए के साथ ही लड़ेंगे. बैठक में सभी लोग नीतीश कुमार का गुणगान कर रहे थे, तो चुनाव में किसी प्रकार की परेशानी नहीं आएगी.
'बयानबाजी से एनडीए को पहुंच सकता है नुकसान'
संतोष कुमार कहते हैं, "सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि हमें मुस्लिम वोट दे या ना दे सांप्रदायिक सौहार्द पर कोई बयानबाजी नहीं हो, एक तरह से उन्होंने सीधे तौर पर बीजेपी को निशाने पर लिया है. क्योंकि जिस तरह से गिरिराज सिंह ने 'हिंदू स्वाभिमान यात्रा' निकाली उससे बिहार में राजनीति तेज हुई और चुनाव में अभी वक्त है, ऐसे में इस तरह की बयानबाजी से नीतीश कुमार जानते हैं कि पूरे एनडीए को नुकसान पहुंच सकता है. इसी को लेकर इस तरह का बयान उन्होंने दिया है."
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