पटना: बिहार के बेगूसराय में गोलीकांड (Begusarai Firing) की घटना को लेकर सियासी बवाल जारी है. बुधवार को इस मामले में सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने डीजीपी के साथ बैठक कर पूरे मामले की जानकारी ली. इस बीच सीएम नीतीश कुमार पर आरोप लगने लगा कि वो बेगूसराय की घटना को लेकर संवेदनशील नहीं हैं. मीडिया को बयान देते समय उनकी हंसी को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं. आइए इस पूरे घटनाक्रम के पीछे की सच्चाई क्या है वो जानते हैं.
दरअसल, बीते बुधवार को कुछ चैनल के रिपोर्टर्स नीतीश कुमार के आवास के सामने खड़े थे. नीतीश कुमार सात नंबर बंगले से एक अणे मार्ग जा रहे थे. इसी बीच उनकी नजर रिपोर्टर्स पर पड़ी तो वह रुक गए. इस दौरान बेगूसराय की घटना को लेकर नीतीश कुमार बयान दे चुके थे, लेकिन इसी बीच में एक न्यूज एजेंसी का रिपोर्टर पहुंचा और उसने फिर से वही सवाल कर दिया जिसका नीतीश कुमार पहले ही जवाब दे चुके थे.
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इसके बाद नीतीश कुमार हंसते हुए दोबारा जवाब देने लगे कि ये बात तो वो कह ही चुके हैं. फिर दोबारा उन्होंने बयान दिया. इस दौरान खुद नीतीश कुमार ने यह बात कही कि वो रिपोर्टर्स को देखकर उनसे बात करने के लिए ही रुके थे. इसलिए वो रुक गए और रिपोर्टर्स से हंसकर पूछने लगे कि हम तो आप लोग को देखे तो रुक गए.
मुख्यमंत्री को दिखानी चाहिए गंभीरता: सुशील मोदी
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने बेगूसराय की घटना को लेकर बुधवार को कहा- "संभवतः बिहार के इतिहास में यह पहली घटना है जब 30 किलोमीटर की दूरी में बाइक से चलते हुए लोगों को गोली मारी गई है. बताया जा रहा है कि 50 से ज्यादा गोली चली. मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि साजिश है तो आपकी पुलिस क्या कर रही थी? मुख्यमंत्री को गंभीरता दिखानी चाहिए. आप हंस रहे हैं और हल्के तरीके से ले रहे हैं. आपको तो दुख प्रकट करना चाहिए. "
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