Nitish Cabinet: बिहार में कब तक होगा कैबिनेट का विस्तार? कई नए चेहरे को मिल सकता है मौका, इन नामों पर है खास चर्चा
Bihar Cabinet Expansion: बिहार में एनडीए की सरकार बनने के बाद मंत्रिमंडल विस्तार में देरी को लेकर काफी चर्चा हो रही है. इसके साथ ही कई नए नामों को लेकर भी कयाल लगाए जा रहे हैं.
पटना: बिहार में एनडीए (NDA) की सरकार बन गई है और नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ही मुख्यमंत्री हैं, लेकिन मंत्रिमंडल नया है. इसके साथ ही अब तक कैबिनेट विस्तार नहीं हुआ है. अब इसकी चर्चा भी तेज हो गई है कि बीजेपी और जेडीयू से कौन ऐसे चेहरे होंगे जिन्हें अब मंत्री बनाया जाएगा. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 29 फरवरी या 1 मार्च को कैबिनेट का विस्तार हो सकता है. ऐसे में पुराने चेहरे ही होंगे या नए को मौका मिलेगा. इसकी भी चर्चा जोरो पर है. जेडीयू (JDU) से नीतीश कुमार के अलावा तीन नेता ने मंत्री पद की शपथ ली है. इनमें विजय कुमार चौधरी, बिजेंद्र यादव और श्रवण कुमार शामिल हैं, लेकिन अभी इस लिस्ट में और मंत्रियों का नाम शामिल हो सकता है.
रत्नेश सदा पर हैं संशय
मिली जानकारी के अनुसार जेडीयू में नए चेहरों की उम्मीद कम जताई जा रही है जितने भी पुराने चेहरे हैं उन्हें मौका मिल सकता है, लेकिन रत्नेश सादा को मौका नहीं मिलने की उम्मीद जताई जा रही है. रत्नेश सदा को अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री बनाया गया था जो पहले जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन के पास था, लेकिन अब फिर संतोष सुमन मंत्री पद की शपथ लिए हैं और उन्हें वह विभाग दे दिया गया है. ऐसे में रत्नेश सदा को मंत्री पद नहीं मिल सकता है. वहीं, पुराने चेहरे में अशोक चौधरी, जयंत राज, सुनील कुमार, मदन सहनी, शीला मंडल जो चेहरे है वह फिर वापस आ सकते हैं. संजय झा भी पहले मंत्री थे, लेकिन अब संजय झा को राज्यसभा भेज दिया गया है. ऐसे में संजय झा की जगह पर नीरज कुमार को भी मौका मिल सकता है. यह अभी अटकलें हैं इस पर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है.
श्रेयसी सिंह को मिल सकता है मौका
मंत्रिमंडल विस्तार के लिए बीजेपी में नाम की बात करें तो इसमें बड़ा फेरबदल हो सकता है और चार से पांच नए चेहरे को भी मौका मिल सकता है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नए चेहरे में संजय मयूख, श्रेयसी सिंह और बरौली विधायक दिवेश कांत को भी मंत्री बनाया जा सकता है. इसके अलावा विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष रहने वाले हरि मांझी को भी एनडीए की सरकार में मंत्री पद मिलने की पूरी उम्मीद जताई जा रही है. बीजेपी हरि साहनी को मुकेश साहनी के विकल्प के रूप में लाई थी. ऐसे में मंत्रिमंडल विस्तार में उन्हें इग्नोर नहीं किया जा सकता है और उनका नाम तय माना जा रहा है. पुराने चेहरे में नितिन नवीन, नीरज बबलू, जीवेश मिश्रा, रामप्रवेश राय को मंत्री बनाया जा सकता है हालांकि सभी नाम संभावित है. इस पर कोई अधिकारी बयान जारी नहीं हुआ है.
बीजेपी की सोच नए चेहरे पर ज्यादा है
राजनीतिक जानकारों की मानें तो मंत्रिमंडल विस्तार 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए ही किया जा सकता है. क्योंकि जातीय गणना में 36% अति पिछड़ा की संख्या बताई गई है ऐसे में बीजेपी अति पिछड़ा और पिछली जाति को ज्यादा दरकिनार करके नहीं चल सकती है. यह बात भी है कि जेडीयू में अपर कास्ट के मंत्री की संख्या कम है. अति पिछड़ा और पिछड़ा की संख्या ज्यादा है, लेकिन बीजेपी भी अति पिछड़ा और पिछड़ा को मौका देगी. पहले से यह चर्चा में रही है कि बीजेपी के लिए अपर कास्ट वोट बैंक के रूप में है ऐसे में बीजेपी अपर कास्ट के विधायक को भी नाराज नहीं कर सकती है. इसके अलावा बीजेपी की सोच नए चेहरे पर ज्यादा है. क्योंकि उसकी सोच आगे के चुनाव की है ऐसे में नए चेहरे को मौका देने के प्रयास में जुटी हुई है.
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