पटना: बिहार के बाहुबली और पूर्व सांसद आनंद मोहन (Anand Mohan) को लेकर बिहार के साथ अब यूपी में भी राजनीति गरमाई हुई है. दरअसल हाल ही में कुछ कानून में संशोधन किए गए हैं जिसको लेकर यह कहा जा रहा है कि आनंद मोहन कि इससे रिहाई हो सकती है. इसको लेकर बिहार में बयानबाजी हो ही रही थी और अब बीएसपी (BSP) चीफ मायावती (Mayawati) ने भी रविवार (23 अप्रैल) को नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर हमला बोला तो तुरंत जेडीयू (JDU) का भी रिएक्शन आ गया.
मायावती को जेडीयू मंत्री अशोक चौधरी ने दिया जवाब
नीतीश सरकार में मंत्री अशोक चौधरी ने मायावती को जवाब देते हुए कहा कि वर्ष 2007 में दलितों लिए अलग विभाग का गठन और बजट का प्रावधान किया गया. अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए मात्र 40 करोड़ बजट था, वर्ष 2023 में यह बढ़कर 1,805.50 करोड़ हुआ.
मायावती को जवाब देते हुए आगे कहा कि सिर्फ दलित पैदा होकर उनके हित में काम नहीं किए जा सकते हैं. महात्मा गांधी दलित नहीं थे लेकिन उन्होंने दलितों और पिछड़ों के उत्थान के लिए जीवन भर संघर्ष किया. नीतीश कुमार ने 18 वर्षों में दलितों के लिए अविश्वसनीय कार्य किए हैं. ये प्रदेश का दलित वर्ग भली भांति समझता और जानता है.
बीएसपी चीफ मायावती ने क्या कहा?
बीएसपी चीफ मायावती ने रविवार को ट्वीट कर लिखा- "बिहार की नीतीश सरकार द्वारा, आन्ध्र प्रदेश (अब तेलंगाना) महबूबनगर के रहने वाले गरीब दलित समाज से आईएएस बने बेहद ईमानदार जी. कृष्णैया की निर्दयता से की गई हत्या मामले में आनंद मोहन को नियम बदल कर रिहा करने की तैयारी देश भर में दलित विरोधी निगेटिव कारणों से काफी चर्चाओं में है."
मायावती ने लिखा- "आनंद मोहन बिहार में कई सरकारों की मजबूरी रहे हैं, लेकिन गोपालगंज के तत्कालीन डीएम श्री कृष्णैया की हत्या मामले को लेकर नीतीश सरकार का यह दलित विरोधी व अपराध समर्थक कार्य से देश भर के दलित समाज में काफी रोष है. चाहे कुछ मजबूरी हो किन्तु बिहार सरकार इस पर जरूर पुनर्विचार करे."
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