पटना: बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार पटना में पार्टी के दफ्तर पहुंचे हैं. यहां वो नवनिर्वाचित विधायकों से मुलाकात कर रहे हैं. जीत के बाद यह पहला मौका है जब नीतीश विधायकों से मिलने पहुंचे हैं. इस बैठक में जेडीयू के सभी 115 उम्मीदवारों को भी बुलाया गया है जो बिहार में चुनाव लड़ रहे थे. खबरों मुताबिक इस मीटिंग में नई सरकार को लेकर चर्चा हो सकती है. बता दें कि जेडीयू की सहयोगी बीजेपी ने साफ कर दिया है कि राज्य में नीतीश कुमार की अगुवाई में ही सरकार बनेगी.
16 नवंबर को शपथ ले सकते हैं नीतीश कुमार
तमाम अटकलों के खारिज होने के बाद अब नीतीश कुमार 16 नवंबर को भाई दूज के दिन बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं. खास बात ये है कि दो दशकों में नीतीश सातवीं बार सीएम पद की शपथ लेने वाले हैं. हालांकि मंत्रिमंडल को लेकर अभी कोई फैसला नहीं किया गया है.
नीतीश से मिले 'हम' के मांझी
बिहार में चार सीटों पर जीत का परचम लहराने वाले हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा पार्टी के अध्यक्ष जीतन राम मांझी आज पटना में नीतीश कुमार से मिले. इस दौरान उनके साथ बिहार चुनाव में फतह हासिल कर चुके चार विधायक भी दिखाई दिए.
दोनों गठबंधनों में किस पार्टी को कितनी सीटें
बिहार चुनाव में बीजेपी को 74 और जेडीयू की 43 सीटों के अलावा सत्तारूढ़ गठबंधन साझीदारों में हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा को चार और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) को चार सीटें मिलीं हैं. वहीं, विपक्षी महागठबंधन में आरजेडी को 75, कांग्रेस को 19, सीपीआई एमएल को 12 और सीपीआई और सीपीएम को दो-दो सीटों पर जीत मिली है.
नीतीश ने कब-कब ली सीएम पद की शपथ
पहली बार नीतीश कुमार 3 मार्च 2000 को बिहार के मुख्यमंत्री बने थे. लेकिन वह आठ दिनों तक मुख्यमंत्री रह पाए. समता पार्टी की सरकार बनी थी. दूसरी बार 24 नवंबर 2005 को बिहार के मुख्यमंत्री बने. तीसरी बार 26 नवंबर 2010 को बिहार के मुख्यमंत्री बने. (इसके बाद लोकसभा चुनाव हुआ, इसमें जेडीयू की करारी हार हुई. इसके बाद नीतीश कुमार ने इस्तीफा दे दिया. तब जीतन राम मांझी पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री बने.) चौथी बार 22 फरवरी 2015 को बिहार के मुख्यमंत्री बने. 20 नवंबर 2015 को पांचवी बार बिहार के मुख्यमंत्री बने. छठी बार 27 जुलाई 2017 को बिहार के मुख्यमंत्री बने.