पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Bihar CM Nitish Kumar) बुधवार (20 सितंबर) को सुबह-सुबह मुख्य सचिवालय पहुंच गए. सुबह करीब 9.30 बजे के आसपास वो पहुंचे थे. कई अधिकारियों के अलावा मंत्री भी विभाग में नहीं मिले. इस पर सीएम ने नाराजगी जताई. समय से आने के लिए कहा है. सचिवालय में काम करने वाले अधिकारियों को जब सीएम नीतीश कुमार के आने के बारे में पता चला तो हड़कंप मच गया. हाथ-पांव फूलने लगे.


निरीक्षण के बाद बाहर निकलकर नीतीश कुमार ने मीडिया से बात की. उन्होंने कहा- "हमको लगा कि लोग देर से आ रहे हैं तो हमने कल ही कहा था कि आज से आएंगे, तो हम 9.30 बजे आ गए. सबका हालचाल देखे. अब हम फिर से पूरा देखेंगे कि समय पर आ रहे हैं कि नहीं. हम 9.30 बजे आ जाएंगे." मीडिया से कहा कि पहले तो आप लोग भी रहते ही थे. आप लोग भी अब रहिएगा तो दिक्कत नहीं है. मुख्य सचिवालय की हालत देखकर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि अब वे सप्ताह में तीन दिन मुख्य सचिवालय और दो दिन मुख्यमंत्री सचिवालय में बैठेंगे. यहीं से सरकारी काम करेंगे.


महिला आरक्षण बिल पर क्या बोले मुख्यमंत्री?


सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि हर दस साल पर जनगणना होती थी. 2021 में केंद्र को करना चाहिए था. यह नहीं हो रहा है. हमेशा समय पर होना चाहिए. हमने कहा है कि जातीय आधारित जनगणना कर लीजिए. ये हम लोगों की मांग है. कहा कि वर्ष 2006 से ही प्रारंभिक शिक्षक नियोजन में महिलाओं को 50 प्रतिशत और वर्ष 2016 से सभी सरकारी नौकरियों में 35 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है.


सीएम ने कहा कि वर्ष 2013 से बिहार पुलिस में भी महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है. आज पुलिस में जितनी महिलाएं हैं उतना देश में कहीं नहीं है. पिछड़ा और अतिपछड़ा की जो महिलाएं हैं तो उनको भी लोकसभा और विधानसभा में आरक्षण मिल जाना चाहिए. 


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