Liquor Ban in Bihar: बिहार में लागू शराबबंदी कानून पर विवाद जारी है. विपक्ष के साथ-साथ सत्ता पक्ष के नेता भी अक्सर सीएम नीतीश के फैसले पर सवाल खड़े करते दिखते हैं. इसी क्रम में सोमवार को शराबबंदी को लेकर उठाए जा रहे सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार विधानसभा और विधान परिषद के सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से शराबबंदी का प्रस्ताव पारित किया था. सभी सदस्यों ने शराबबंदी को लेकर शपथ भी ली थी. मद्य निषेध दिवस के अवसर पर बीते 26 नवंबर को अधिकारियों और कर्मचारियों ने भी एक बार फिर से शपथ ली है.
लोगों को जागरूक करने की जरूरत
उन्होंने कहा कि पिछले महीने हुई एनडीए विधानमंडल दल की बैठक में भी सभी सदस्यों ने हाथ उठाकर शराबबंदी के पक्ष में संकल्प लिया. हम इस पर कभी कोई कमेंट नहीं करते हैं. शराबबंदी को लेकर लोगों को जागरूक करने की जरूरत है. हम अभी समाज सुधार अभियान के तहत विभिन्न जगहों पर जाने वाले हैं, जहां शराब पीने से होने वाले खतरे के प्रति लोगों को सचेत करेंगे. आप चाहे जितना बढ़िया काम कर लें, तब भी सभी लोग उसे स्वीकार नहीं करेंगे. कुछ लोग गड़बड़ करने वाले होते हैं.
'जिसको जो मन करे बोले'
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज में कुछ लोग गड़बड़ करने वाले होते ही हैं. हम लोगों को सजग करने में लगे हैं. हम बराबर अधिकारियों को कहते हैं कि पटना बिहार की राजधानी है, यहां पर पूरा ध्यान देने की जरूरत है. हम एक-एक चीज को खुद देखते हैं, लेकिन कितना भी कुछ कीजिए, कुछ लोग तो खिलाफ में रहते ही हैं. कहीं पर कुछ हो जाने पर कुछ लोग तरह-तरह की बातें करने लगते हैं. लेकिन जिसको जो मन करे बोले, हम लोगों का उद्देश्य लोगों की सेवा करना है.
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