पटना: लंबे इंतजार के बाद बुधवार को सूबे में राज्यपाल कोटा के 12 विधान पार्षदों का मनोनयन किया गया. लेकिन विधान पार्षदों के मनोनयन के बाद एनडीए में अंतर्कलह शुरू हो गया है. एनडीए घटक दल के नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस फैसले से खुश नहीं हैं. हालांकि, नीतीश कुमार ने स्पष्ट शब्दों में कह दिया है कि कौन क्या बोलता है, इससे उनको कोई फर्क नहीं पड़ता है.


एमएलसी सीट नहीं मिलने पर मांझी और मुकेश सहनी के नाराज होने के सवाल का जवाब देते हुए सीएम नीतीश ने कहा, " उनके पास सीमित अधिकार हैं. इस बारे में अगर किसी की राय आती है, तो उसको क्या कहेंगे. इस मामले में कोई कुछ बोलता है, तो उससे कोई फर्क नहीं पड़ता."


उन्होंने कहा," सभी 12 मनोनित सदस्यों को मेरी तरफ से बधाई. कल कैबिनेट ने फैसला लिया, वहां से गवर्नर के पास गया और वहां से अनुमति के बाद आज जो कार्रवाई होनी थी, वह की गई. वहीं, आज ही विधान परिषद के सभापति ने सभी नए सदस्यों को शपथ ग्रहण भी करा दिया."


शपथ ग्रहण को लेकर उन्होंने कहा कि ये बहुत अच्छा हुआ. अब कोई खाली जगह नहीं है. सभी लोगों को अपनी भूमिका निभाने का मौका मिलेगा. अभी सदन 24 मार्च तक चलना है, इसमें कई नए तो कई पुराने सदस्य भी हैं. सभी को सदन के कार्यक्रम में भाग लेने का मौका मिलेगा.


गौरतलब है कि एमएलसी की एक भी सीट नहीं मिलने से हम अध्यक्ष जीतन राम मांझी और वीआईपी मुकेश सहनी नाराज हैं. सीट नहीं मिलने से नाराज मांझी ने उनके साथ अन्याय होने की बात कही है. वहीं, वीआईपी ने कहा, " आज 12 एमएलसी का मनोनयन किया गया है, लेकिन वीआईपी इस का विरोध करती है क्योंकि गठबंधन धर्म को नहीं निभाया गया है."


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