Controversy on Lalan Singh Muslim Vote Statement: केंद्रीय मंत्री और जेडीयू के वरिष्ठ नेता ललन सिंह ने रविवार (24 नवंबर) को मुजफ्फरपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि बिहार का अल्पसंख्यक समुदाय नीतीश कुमार को वोट नहीं देता है. उनके इस बयान से बिहार की राजनीति में सियासी तूफान उठ गया है. विपक्ष के तमाम नेता एक तरफ हमला कर रहे हैं तो दूसरी ओर कई सवाल भी उठ रहे हैं कि क्या सीएम नीतीश कुमार ने मुसलमानों को नकार दिया है? क्या बीजेपी के साथ गठबंधन के बाद जेडीयू की मुसलमान वोटों से उम्मीदें खत्म हो गई हैं? बीजेपी, आरजेडी और जेडीयू के नेताओं के बयान से खबर समझिए.
बिहार में विधानसभा की कुल 243 सीटें हैं. इनमें 47 सीटें ऐसी हैं जो मुस्लिम बहुल हैं. अब जेडीयू की तरफ से आए इस बयान से कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं. जेडीयू इस बयान से खुद को अलग करती नजर आ रही जबकि आरजेडी ने इस मुद्दे पर आक्रामक रुख अपना लिया है. इस बयान के बाद बिहार की सियासत गरमाने के बाद जेडीयू ने अपना रुख साफ किया है. एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए जेडीयू नेता अशोक चौधरी ने कहा कि पार्टी को किसी वकील या मध्यस्थता की जरूरत नहीं है.
उन्होंने कहा, "हमारे नेता न हिंदू हैं, न मुसलमान, न सिख, न ईसाई. हम केवल विकास और काम के आधार पर जनता से संवाद करते हैं." उन्होंने यह भी जोड़ा कि, "नीतीश कुमार ने अल्पसंख्यकों के लिए काफी काम किया है. यह समुदाय को समझना होगा."
अरशद मदनी के बयान से मचा बवाल?
इस पूरे विवाद के पीछे दो बयान ऐसे हैं जिसकी चर्चा हो रही है. दरअसल बीते रविवार को जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष अरशद मदनी की अध्यक्षता में पटना में संविधान बचाओ कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. सीएम नीतीश कुमार इस कार्यक्रम में नहीं पहुंचे. अरशद मदनी ने खुले मंच से कहा कि नीतीश कुमार सिर्फ बात ना करें बल्कि मुसलमानों के हित में सोचें नहीं तो मुसलमान अपना रास्ता खुद सोचेंगे.
मदनी ने एबीपी न्यूज़ को दिए इंटरव्यू में कहा है कि नीतीश कुमार अपना स्टैंड साफ करें वरना हमें क्या करना है हम देख लेंगे. उन्होंने कहा कि मुसलमानों के हक की सुरक्षा की बात नहीं होगी तो मुसलमान अपना फैसला खुद ले लेंगे. गौरतलब है कि नीतीश कुमार अपनी सेक्युलर छवि को लेकर जाने जाते हैं. बिहार में अगले साल (2025) विधानसभा का चुनाव भी है. अब ऐसे में मदनी के इस बयान पर सियासी बवाल मचा हुआ है.
आरजेडी ने माना- नीतीश कुमार मुसलमानों से दूर हुए
इस पूरे मामले पर आरजेडी की ओर से भी प्रतिक्रिया दी गई है. आरजेडी के विधायक ऋषि कुमार ने माना है कि नीतीश कुमार मुसलमानों से दूर हो गए हैं. उन्होंने कहा, "नीतीश कुमार ने मुसलमानों का साथ उसी दिन छोड़ा जब बीजेपी के साथ चले गए. नीतीश कुमार मुसलमानों से दूर जा चुके हैं. नीतीश कुमार को अपनी विचारधारा स्पष्ट करनी चाहिए."
'मुसलमान क्या बिगाड़ लेंगे हमारा?'
दूसरी तरफ बीजेपी ने भी हमला बोला है. बिहार सरकार में मंत्री और बीजेपी विधायक नीरज बबलू का कहना है कि मुसलमान क्या बिगाड़ लेंगे हमारा? सेक्युलर छवि कब तक रहेगी? नीतीश कुमार काम करते हैं और मुसलमान वोट देते नहीं हैं. कुछ लोग सीएम के आसपास घूमते हैं. बस फायदा उठाते हैं.
अरशद मदनी की गिरफ्तारी हो: बचौल
उधर बीजेपी विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने कहा है कि नीतीश कुमार का साथ कभी मुसलमानों ने नहीं दिया. न वोट दिया. मुसलमानों के व्यक्तित्व पर प्रश्नचिह्न है. कभी बिजली-पानी पर वोट नहीं देते, केवल शरिया पर वोट देते हैं. देश को पीछे ले जा रहे हैं. उन्होंने मदनी की गिरफ्तारी की मांग की है. यह भी कहा कि नीतीश कुमार से पहले मदनी तय करें कि संविधान या शरिया. जो लोग संविधान लहराते हैं वो बताएं कि किससे चलेगा.
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