पटना: पूर्व कृषि मंत्री सह आरजेडी विधायक सुधाकर सिंह (Sudhakar Singh) मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर लगातार हमलावर हैं. सुधाकर सिंह काफी समय से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर गंभीर आरोप लगाते रहे हैं. इसको लेकर आरजेडी (RJD) ने उन्हें नोटिस भी भेजा था. इसके बाद भी सुधाकर सिंह नीतीश कुमार के खिलाफ बयानबाजी जारी रखे हुए हैं. कुछ दिन पहले भी सुधाकर सिंह ने नीतीश कुमार पर हमला करते हुए कहा था कि नीतीश कुमार भ्रष्ट अधिकारियों और गुंडों के लिए काम करते हैं वहीं, इस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को दो टूक जवाब दिया. उन्होंने मीडिया से कहा कि सुधाकर सिंह की कोई वैल्यू नहीं है, उसका नोटिस आप लोग क्यों लेते हैं? वहीं, इस दौरान तेजस्वी यादव भी वही मौजूद थे और नीतीश कुमार के इस बयान पर वो मुस्कुराते रहे.
'कोई बोलता है तो बोलने दीजिए'
जननायक कर्पूरी ठाकुर की पुण्यतिथि के मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मीडिया से बातचीत की. उन्होंने सुधाकर सिंह को लेकर किए गए सवाल पर कहा कि कोई बोलता है तो बोलने दीजिए, हमसे उन सब की बातों के बारे में कुछ नहीं पूछिए. नीतीश कुमार ने कहा कि हम लोगों ने किसानों को लेकर कितना काम किया है. कृषि रोड मैप तैयार किया है. बाढ़, सुखाड़ और शिक्षा के क्षेत्र में कितना ज्यादा काम हुआ है.
केंद्र सरकार पर साधा निशाना
पार्लियामेंट में अडानी मामले में जेपीसी कमेटी की मांग पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पार्लियामेंट में जो भी मेंबर हैं चाहे कोई भी दल के हो, अपनी बात को रखना उनका अधिकार है. उनके क्षेत्र में कोई घटना होती है तो उस पर वो ही बात रखेंगे. हम लोग क्या एमपी नहीं रहे हैं? जब हम लोग विरोध में थे और दूसरी सरकार थी तो क्या वह सरकार हम लोग की बात नहीं सुनती थी. इसके बाद हम लोग भी सत्ता पक्ष में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में रहें. अटल बिहारी सबकी बातें नहीं सुनते थे. कोई बात हुई जब कोई कुछ कहता है तो उसकी बात को सुनाना चाहिए. ऐसे ही किसी की बात को रिजेक्ट कर दीजिएगा, तो हमें लगता है कुछ अंदरूनी बात होगी .
खिलाफ बोलने पर ऐसा ही होगा- नीतीश कुमार
वहीं, बीबीसी के दफ्तर में रेड मामले पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि अब आप समझ लीजिए इन लोग की इच्छा क्या है जो उनके खिलाफ कुछ बोलेगा उसके साथ ऐसा ही होगा. मैं तो किसी को कुछ नहीं बोलता हूं. कोई कुछ भी छापे जो करना है करें पहले जब हम सरकार में थे तो मेरा काम अखबार में छपता था, अब तो वह छपता भी नहीं है लेकिन उससे हमको मतलब नहीं है हमको अपना काम करना है.
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