पटना: बिहार में अफसरों के तानाशाह रवैये से आम जनता के साथ-साथ मंत्री और नेता भी परेशान हैं. अफसरों के तानाशाही से ही परेशान हो कर नीतीश कैबिनेट के समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने गुरुवार को इस्तीफे की पेशकश की है. इस बात की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा अफसरों के तानाशाही से तंग होकर इस्तीफा देने का मन बना रहा हूं.
'चपरासी तक नहीं सुनते बात'
मदन सहनी ने कहा, " सालों से वे परेशानी और यातना झेल रहे हैं. वो मंत्री, मंत्री पद की सुविधा भोगने के लिए नहीं बने हैं, जनता की सेवा करने के लिए बने हैं. ऐसे में जब वे जनता का काम ही नहीं कर पाएंगे, तो मंत्री रहकर क्या करेंगे." उनका कहना है कि अधिकारी क्या विभाग के चपरासी भी उनकी बात नहीं सुनते हैं. ऐसे में वे पार्टी में बने रहेंगे और मुख्यमंत्री के बताए हुए रास्ते पर चलेंगे. लेकिन वह मंत्री पद से त्याग देंगे.
मदन सहनी ने एबीपी न्यूज से कहा कि ये कोई जल्दबाजी में लिया गया फैसला नहीं है. लंबे समय से अधिकारियों के तानाशाह रवैये से परेशान होकर ये फैसला लिया गया है. कहीं मेरी बात नहीं सुनी जाती है. पत्र का जवाब नहीं मिलता. मैं इसके लिए किसी को जिम्मेवार नहीं मानता. यहां अफसर निरंकुश हो गए हैं. केवल मंत्री ही नहीं, वो किसी जनप्रतिनिधि की बात नहीं सुनते हैं.
उन्होंने कहा, " यहां तो चोरी भी है और सीनाजोरी भी. यहां के अफसर भ्रष्ट हैं. लोग आरोप लगाते हैं कि नेता चोर होते हैं. मैं कहता हूँ कि अफसर चोर हैं. कई सालों से सुधार करने की कोशिश की जा रही है. लेकिन सुधार करने की ओर कोई काम नहीं किया जाता है."
यह भी पढ़ें -
अमित शाह और जेपी नड्डा से क्यों मिले जीतन राम मांझी? अटकलों पर विराम लगा खुद बताई पूरी बात