(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Bihar News: CM नीतीश ने कहा- बाढ़ क्षति के आंकलन के लिए देर से आई केंद्रीय टीम, पहले ही किया गया था रिक्वेस्ट
मुख्यमंत्री ने कहा, " हर साल रिक्वेस्ट किया जाता है कि आकर देख लीजिए कि कितना ज्यादा इलाका प्रभावित है. पहले से ही कहा जा रहा है कि आकर देख लीजिए. लेकिन इस बार तो टीम लेट से आई."
पटना: बिहार में बाढ़ (Bihar Flood) से हुई क्षति का जायजा लेने सोमवार को छह सदस्यीय केंद्रीय टीम (Central Team) बिहार पहुंची है. दो दिनों के दौरे पर आई टीम राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में बाढ़ से हुई तबाही का आंकलन कर रिपोर्ट केंद्र को सौंपेगी, जिसके बाद केंद्र सरकार आपदा पीड़ितों की मदद के लिए आगे की कार्रवाई करेगी. हालांकि, केंद्रीय टीम के दौरे के संबंध में जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस बार केंद्रीय टीम लेट से आई है. हमने रिक्वेस्ट पहले ही किया था.
राज्य सरकार की ओर से जाता है रिक्वेस्ट
जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम के खत्म होने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए सीएम नीतीश ने कहा, " जब भी बाढ़ आती है, इस तरह की स्थिति होती है, तब राज्य सरकार की तरफ से जाता है कि देख लीजिए. ताकि केंद्रीय टीम आकर देखे और उन्हें लगता है कि मदद करनी चाहिए तो मदद करे. हम लोग अपनी तरफ से तो हर काम कर ही रहे हैं. लेकिन अब वो दौरे पर आए हैं तो देखेंगे. उनको लगेगा कि मदद करनी चाहिए तो करेंगे."
सितंबर महीने में सबसे ज्यादा तबाही
मुख्यमंत्री ने कहा, " हर साल रिक्वेस्ट किया जाता है कि आकर देख लीजिए कि कितना ज्यादा इलाका प्रभावित है. पहले से ही कहा जा रहा है कि आकर देख लीजिए. लेकिन इस बार तो टीम लेट से आई. लेकिन अभी स्थिति उतनी भयावह नहीं हुई है. लेकिन बाकी सालों की स्थिति तो आप जानते ही हैं, इसी सितंबर महीने में सबसे ज्यादा तबाही होती है. अब देखना है कि आगे क्या होता है."
देश के हित में है जातीय जनगणना
वहीं, जातीय जनगणना (Caste Based Census) को लेकर पीएम मोदी (Narendra Modi) की ओर से कोई जवाब मिला या नहीं के सवाल पर उन्होंने कहा, " नहीं अभी कोई जवाब नहीं आया है. आने पर मैं तुरंत इसकी जानकारी दूंगा. इस संबंध में हमने टीम के साथ जाकर मुलाकात की. सारी बातें जो थीं, वो कह दी. अब निर्णय लेना केंद्र सरकार का काम है. इसलिए इस बारे में कुछ कह नहीं सकते. "
उन्होंने कहा," ये देश के हित में है. कई राज्यों के लोग इसके पक्ष में हैं. हो जाने पर सबको लाभ मिलेगा. किस जाति के लोगों के लिए क्या काम करना है ये ऐसा करने के बाद ही पता चलेगा. कुछ लोग इसके खिलाफ बोलते हैं और लिखते हैं, लेकिन ये समाज को बांटने के लिए नहीं है, एकजुट करने के लिए है.
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