(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
EZC Meeting: अमित शाह के सामने खुलकर बोले नीतीश कुमार, बगल में बैठे थे तेजस्वी यादव, पढ़ें अंदर की बातें
Eastern Zonal Council Meeting: पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की यह 26वीं बैठक थी. इसमें चार राज्य झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और बिहार के प्रतिनिधि को शामिल होना था.
पटना: पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की 26वीं बैठक रविवार (10 दिसंबर) को मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद भवन में हुई. क्षेत्रीय परिषद के पदेन अध्यक्ष सह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) उपस्थित हुए. इस बैठक में सबसे बड़ी बात यह रही कि 9 अगस्त 2022 को एनडीए से अलग होने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहली बार अमित शाह के आमने-सामने हुए. इस दौरान मुख्यमंत्री ने अमित शाह के सामने खुलकर अपनी बात रखी. उनके बगल में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) भी बैठे थे. यह सरकारी कार्यक्रम था जिसमें क्षेत्रीय परिषद के चार राज्य झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और बिहार के प्रतिनिधि को शामिल होना था. पढ़िए नीतीश कुमार ने अमित शाह के सामने क्या कुछ कहा है.
- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सबसे पहले जातीय गणना पर बात की. कहा कि हम चाहते थे कि केंद्र सरकार जातीय आधार पर गणना कराए. इसके लिए हमलोग शुरू से प्रयासरत थे. 2019 एवं 2020 में बिहार विधानमंडल में सर्वसम्मति से जाति आधारित गणना के लिए प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजा. फिर हम सभी दलों के प्रतिनिधियों के साथ प्रधानमंत्री से मिले. केंद्र सरकार द्वारा इस पर कोई विचार नहीं किया गया. राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से कराया. इसके आंकड़ों को जारी किया गया.
- नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार की कुल आबादी 13 करोड़ 7 लाख 25 हजार 310 है जिसमें 53 लाख 72 हजार 22 लोग बिहार के बाहर रह रहे हैं. 12 करोड़ 53 लाख 53 हजार राज्य में रह रहे हैं. जाति आधारित गणना में पिछड़ा वर्ग-27.12 प्रतिशत, अत्यंत पिछड़ा - 36.01 प्रतिशत, अनुसूचित जाति - 19.65 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति - 1.68 प्रतिशत, सामान्य वर्ग - 15.52 प्रतिशत की आबादी पाई गई है. इन आंकड़ों के आधार पर सभी पार्टियों की सहमति से जिसमें बीजेपी भी शामिल है. समाज के सभी कमजोर वर्गों के सामाजिक उत्थान के लिए आरक्षण में इनकी भागीदारी बढ़ाने का निर्णय लिया गया.
- मुख्यमंत्री ने आरक्षण की सीमा पर अमित शाह के सामने बात रखी. कहा कि राज्य में आरक्षण की सीमा 50 से बढ़ाकर 65 प्रतिशत कर दी गई है. इसके लिए कानून पारित हो गया है. सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए पूर्व से ही 10 प्रतिशत आरक्षण उपलब्ध है. सभी को मिलाकर कुल आरक्षण 75 प्रतिशत हो गया है.
- सीएम ने कहा कि हमारी सरकार ने केंद्र सरकार से आरक्षण के नए कानून को संविधान को 9वीं अनुसूची में डालने के लिए अनुरोध किया है. आशा है केंद्र सरकार इसे शीघ्र ही संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल करेगी.
- मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीब परिवारों को आगे बढ़ाने के लिए इसके एक सदस्य को रोजगार के लिए दो लाख रुपये तक की सहायता योजना बनाई गई है. जिन परिवारों के पास घर नहीं है जमीन खरीदने के लिए उन्हें अब 60 हजार की जगह एक लाख दिए जा रहे हैं. मकान बनाने के लिए 1 लाख 20 हजार रुपये दिए जाएंगे.
- नीतीश कुमार ने कहा कि वर्ष 2018 से 'सतत जीविकोपार्जन योजना' के तहत अत्यंत निर्धन परिवार को रोजगार के लिए अब 1 लाख की सहायता राशि को बढ़ाकर 2 लाख कर दिया गया है. इन सब कार्यों में कुल मिलाकर 2 लाख 50 हजार करोड़ रुपये लगेंगे, जिसे अगले 5 सालों में पूरा कर लिया जाएगा.
- सीएम ने यह भी कहा कि यदि केंद्र सरकार द्वारा बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिल जाए तो हम इस काम को बहुत कम समय में ही पूरा कर लेंगे. 2010 से ही बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग कर रहे हैं. लगातार विकास के बाद भी बिहार विकास के मापदंडों में राष्ट्रीय औसत से काफी नीचे है. बिहार, विशेष राज्य के दर्जे की सभी शर्तों को पूरा करता है. उम्मीद करते हैं कि बिहार को विशेष राज्य के दर्जा देने के बारे में आप जरूर सोचेंगे.
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