पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) 2005 से लगातार मुख्यमंत्री पद पर बने हुए हैं. 17 सालों में उन्होंने आठ बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है. हालांकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने सहयोगी पार्टी से गठबंधन करके ही मुख्यमंत्री बने रहे हैं. शुरुआती दौर में बीजेपी (BJP) के साथ गठबंधन रहा लेकिन 2014 में उन्होंने बीजेपी से नाता तोड़ कर आरजेडी (RJD) से गठबंधन कर ली. इसके बाद बीजेपी और फिर अभी आरजेडी के साथ गठबंधन कर मुख्यमंत्री बने हुए हैं. वहीं, इन दिनों एक बार फिर उनकी एक बयान की काफी चर्चा हो रही है. हाल ही में उन्होंने कहा कि मरना मंजूर लेकिन बीजेपी के साथ नहीं जाऊंगा. वहीं, नीतीश कुमार हर बार अलग अलग बयान देते हैं उनके बयान में कितना दम है यह इससे भी समझा जा सकता है कि 2014 में बीजेपी से अलग होने के बाद उन्होंने कहा था मिट्टी में मिल जाएंगे लेकिन बीजेपी के साथ नहीं जाएंगे लेकिन 2017 में बीजेपी के साथ चले गए थे.
महागठबंधन से नाता तोड़ एनडीए में हो गए शामिल
नीतीश कुमार ने अगल-अलग गठबंधन को लेकर बयान भी अगल-अलग दिए हैं. 2014 में बीजेपी से इसलिए अलग हुए क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नेतृत्व उनको पसंद नहीं आ रहा था. नीतीश कुमार ने उस समय कहा था कि मिट्टी में मिल जाएंगे लेकिन कभी बीजेपी के साथ नहीं जाएंगे. इसके बाद नीतीश कुमार ने आरजेडी के साथ गठबंधन करके सरकार बनाई और खुद मुख्यमंत्री बने रहे और तेजस्वी यादव को उपमुख्यमंत्री बनाया लेकिन 2017 में आरजेडी से इसलिए अलग हुए क्योंकि तेजस्वी यादव पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा था और नीतीश कुमार ने उपमुख्यमंत्री से इस्तीफा देने के लिए कहा था लेकिन तेजस्वी यादव ने इस्तीफा देने से मना कर दिया. इसके बाद नीतीश कुमार ने आरजेडी से गठबंधन तोड़कर बीजेपी गठबंधन में शामिल हो गए.
एनडीए से नाता महागठबंधन में हो गए शामिल
एनडीए गठबंधन में शामिल होने के बाद नीतीश कुमार ने कहा था कि हम भ्रष्टाचार से समझौता नहीं कर सकते हैं. वहीं, इसके बाद 8 अगस्त 2022 को फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बीजेपी से नाता तोड़कर महागठबंधन में शामिल हो गए. महागठबंधन में सात पार्टी शामिल है. नीतीश कुमार मुख्यमंत्री और तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री हैं. कुछ महीने पहले नीतीश कुमार ने भरे मंच से यह एलान कर दिया था कि हमारे बाद के तेजस्वी यादव को ही संभालना है और इशारों-इशारों में कहा था कि आगामी मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ही होंगे. इसके बाद उन्होंने यह कहा कि मर जाएंगे लेकिन बीजेपी के साथ नहीं जाएंगे.
जेडीयू कमजोर नहीं होने वाली है
तेजस्वी यादव ही आगे संभालेंगे. इस बात पर जेडीयू के एक सांसद ने ऑफ रिकॉर्ड कहा कि नीतीश कुमार जो कहते हैं वह कदापि नहीं करते हैं. इसका उदाहरण पहले भी लोगों ने देखा है इसलिए उन्होंने जो बयान दिया है वह कितना सही होगा यह आने वाला वक्त की बात है लेकिन जेडीयू कमजोर होने वाला नहीं है. वहीं, फिर ऐसे में लगता है कि तेजस्वी यादव को लेकर दिए गए बयान एक भुलावा भी हो सकता है.
राजनीति में इन सब बातों का कोई मतलब नहीं-आरजेडी
इस मामले पर आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि यह बात सही है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले जो वादा किए हैं उसे पूरा नहीं किए हैं लेकिन इस बार जो उन्होंने तेजस्वी यादव को लेकर बयान दिया है उसे पूरा करेंगे. मृत्युंजय तिवारी ने यह भी कहा कि वैसे राजनीति में इन सब वादों और बयानों का कोई मतलब नहीं होता है. इससे साफ है कि भरे मंच से तेजस्वी यादव को आगे बढ़ाने वाला नीतीश का बयान एक राजनीति है.
नीतीश कुमार कोई वादा पूरा नहीं करते हैं- सम्राट चौधरी
वहीं, इस पर बीजेपी ने कहा कि नीतीश कुमार कभी भी अपने कोई भी वादा को पूरा नहीं करते हैं. बीजेपी के वरिष्ठ नेता और बिहार विधान परिषद के नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी ने हंसते हुए कहा कि वो जो वादा करते हैं उसे कभी पूरा नहीं करते हैं. तेजस्वी यादव को लेकर दिए गए बयान तो वो कभी पूरा नहीं करेंगे. जब वो बोले थे कि मैं मिट्टी में मिल जाऊंगा लेकिन बीजेपी के साथ नहीं जाऊंगा तो वह किस मिट्टी में मिलने की बात कहे थे? उस मिट्टी को मैं भी खोज कर रहा हूं.
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